वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह को ऊर्जा, भाई, भूमि, शक्ति, साहस, पराक्रम, रक्त शौर्य का माना गया है। साथ ही मंगल ग्रह का मेष और वृश्चिक राशि पर आधिपत्य है। वहीं अगर हम मंगल की महादशा के बारे में बात करें तो मंगल की महादशा का प्रभाव व्यक्ति के ऊपर 7 सालों तक रहता है।

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आइए जानते हैं मंगल की महादशा का व्यक्ति की लाइफ पर प्रभाव…

मंगल ग्रह की महादशा का जीवन में प्रभाव

शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)संवाददाता

अगर कुंडली में मंगल ग्रह पॉजिटिव हो स्थित

वैदिक ज्योतिष अनुसार यदि किसी व्यक्ति की जन्मपत्री में अगर मंगल ग्रह सकारात्मक विराजमान हैं तो वह व्यक्ति निडर होता है। साथ ही ऐसे व्यक्ति का व्यक्तित्व साहसी होता है। वहीं ये लोग जोखिम के कार्य करने में नहीं घबराते हैं। वहीं ऐसा व्यक्ति पुलिस, खेल और सेना में अपना करियर बनाएं तो उसको अच्छा लाभ होता है।

साथ ही अगर जन्मकुंडली में मंगल ग्रह सकारात्मक स्थित है तो व्यक्ति जीवन में खूब प्रतिष्ठा पाता है। अगर किसी व्यक्ति पर मंगल ग्रह की महादशा चल रही है तो उसको अच्छा फल प्राप्त होता है। साथ ही व्यक्ति को प्रापर्टी का सुख प्राप्त होता है। वहीं व्यक्ति को पैतृक संपत्ति का भी लाभ मिलता है। वहीं व्यक्ति साहसी कार्य करता है और विपरीत से विपरीत परिस्थिति में भी घबराता नहीं है। मंगल की प्रबलता से व्यक्ति निडरता से अपने निर्णय लेता है। वह ऊर्जावान रहता है। इससे जातक उत्पादक क्षमता में वृद्धि होती है। लग्न में मंगल के प्रभाव से व्यक्ति अभिमानी भी होता है। वह किसी प्रकार के दबाव में रहकर कार्य नहीं करता है। शारीरिक रूप से व्यक्ति बलवान होता है।

अगर कुंडली में मंगल ग्रह निगेटिव हो स्थित

अगर किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में मंगल ग्रह अशुभ स्थित हो तो व्यक्ति को जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही ऐसे व्यक्ति का दांपत्य जीवन खराब रहता है। वहीं पति- पत्नी में अनबन रहती है। साथ ही पीड़ित मंगल के प्रभाव से व्यक्ति को दुर्घटना का खतरा रहता है।

साथ ही अविवाहित लोगों के विवाह होने में दिक्कत आती है। साथ ही जातक को शत्रुओं से पराजय, ज़मीन संबंधी विवाद, क़र्ज़ आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वहीं व्यक्ति जोखिम के काम करने से घबराता है।


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