
रुद्रपुर (अवतार सिंह बिष्ट) – उत्तराखंड सरकार पेंशनभोगी कल्याण संगठन की जिला शाखा ऊधम सिंह नगर ने आज जिलाधिकारी कार्यालय, रुद्रपुर में एक ज्ञापन सौंपते हुए प्रदेश के पेंशनर्स और पारिवारिक पेंशनर्स की स्वास्थ्य से जुड़ी ज्वलंत समस्याओं को लेकर कड़ा रोष जताया। संगठन ने चेतावनी दी कि यदि एक माह के भीतर शासनादेश जारी नहीं होता, तो उन्हें आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।


शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)संवाददाता
ज्ञापन में प्रमुख मांगों में गोल्डन कार्ड योजना के तहत OPD सेवाओं में मुफ्त जांच, मुफ्त जन औषधि, मुफ्त पैथोलॉजी सेवाओं की सुविधा को जल्द प्रभावी रूप से लागू करने की मांग की गई। संगठन ने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा 6 जनवरी 2025 और 15 जुलाई 2024 को लिए गए फैसलों के बावजूद अभी तक कोई स्पष्ट शासनादेश जारी नहीं किया गया है, जिससे हजारों पेंशनर्स इलाज के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं।
प्रमुख मांगें –
- OPD सेवाओं में मुफ्त इलाज और जांच:
संगठन का कहना है कि गोल्डन कार्ड योजना में अस्पतालों को OPD के तहत मुफ्त जांच, मुफ्त दवाएं और उच्चस्तरीय डाइग्नोस्टिक सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए। वर्तमान व्यवस्था में पेंशनर्स को अपनी जेब से खर्च करना पड़ रहा है।
- EMPANELLED लैब्स में जांच सुविधा:
केवल नाममात्र के अस्पताल ही सेवा दे रहे हैं। संगठन ने मांग की है कि सभी अधिकृत पैथोलॉजी लैब व डायग्नोस्टिक सेंटर में OPD के तहत मुफ्त जांच की सुविधा सुनिश्चित हो।
- सेवानिवृत्त DDO की बजाय कोषागार को बनाया जाए DDO:
वर्तमान व्यवस्था में पेंशनर्स को चिकित्सा बिलों के भुगतान हेतु अपने सेवानिवृत्त विभाग के कार्यालयाध्यक्ष (DDO) से प्रमाणन कराना पड़ता है, जो या तो बदल चुके हैं या भौगोलिक रूप से दूर हैं। संगठन चाहता है कि कोषागार को ही उनका DDO बनाया जाए ताकि मेडिकल बिलों के भुगतान में होने वाली देरी से राहत मिल सके।
“सरकार कर रही है अनदेखी” – संगठन पदाधिकारियों का आरोप
बी.एल. सह अध्यक्ष, सी.बी. घिल्डियाल (कोषाध्यक्ष), और एस.के. नैय्यर (महासचिव) सहित अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि 23 मार्च 2025 को श्रीनगर गढ़वाल में हुई राज्यस्तरीय बैठक में यह तय किया गया था कि यदि शासनादेश जल्द जारी नहीं हुआ, तो संगठन पूरे प्रदेश में आंदोलन करेगा।
स्थानीय पेंशनर्स की पीड़ा – बार-बार चक्कर काट रहे बुजुर्ग
रुद्रपुर के स्थानीय पेंशनर्स का कहना है कि वे कई बार जिलाधिकारी, CMO और स्वास्थ्य विभाग के चक्कर काट चुके हैं लेकिन उन्हें न तो मुफ्त दवाएं मिलती हैं, न ही इलाज की सुविधा। “गोल्डन कार्ड बस एक कागजी झुनझुना बनकर रह गया है,” एक बुजुर्ग पेंशनर ने कहा।
आगे की रणनीति – एक महीने की चेतावनी
संगठन ने सरकार को एक माह की मोहलत दी है। यदि उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तो वे प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
ज्ञापन देने वाले मुख्य रुप से बी एल साह। ,एसके नैय्यर सीबी घिडिल्याल, राजबहादुर शर्मा , डॉक्टर बीपी गौर, के वीएस यादव,वीके शर्मा ,के एस रावत , पनवेश गुप्ता , घनश्यामकांडपाल, सत्य प्रकाश यादव,विद्या, बीएस चौहान,दिग्विजय सिंह, विजय पाल , राम प्रसाद, कुशल पाल सिंह , राज कुमार त्यागी,पीएस बिष्ट महिला पेंशनर में श्रीमती आशा सिंह एवं श्रीमती कलावती भी उपस्थित थीं।

