
रुद्रपुर, 25 अप्रैल।सामाजिक समरसता और आपसी भाईचारे को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कार्यरत भाईचारा एकता मंच ट्रस्ट ने एक बार फिर अपने सेवा कार्यों और सौहार्दपूर्ण पहल से समाज को सकारात्मक संदेश दिया है। ट्रस्ट द्वारा जारी दस्तावेज़ के अनुसार, संगठन बीते कई वर्षों से जरूरतमंदों की मदद, आपदाओं के समय राहत वितरण और धार्मिक सौहार्द के क्षेत्र में अहम भूमिका निभा रहा है।
संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)संवाददाता
ट्रस्ट के कार्यकर्ताओं ने बताया कि उनका उद्देश्य समाज में नफरत और विभाजन के माहौल को समाप्त कर एक ऐसा वातावरण बनाना है, जिसमें सभी समुदाय एक-दूसरे के सुख-दुख में साथ खड़े हों। संगठन की विभिन्न गतिविधियों में शिक्षा सहायता, चिकित्सा शिविर, गरीबों के लिए भोजन वितरण, और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन शामिल है।


ट्रस्ट के अध्यक्ष (या संयोजक) ने कहा, “हमारा मकसद है कि हम लोगों के दिलों को जोड़ें, न कि तोड़ें। भाईचारा और एकता ही देश की सबसे बड़ी ताकत है।”
स्थानीय प्रशासन और आम जनमानस ने भी ट्रस्ट की पहल की सराहना की है। कई धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने इसे एक अनुकरणीय प्रयास बताते हुए सहयोग देने की बात कही है।
भविष्य में ट्रस्ट और भी बड़े स्तर पर जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू करने की योजना बना रहा है।
भाइचारा एकता मंच ट्रस्ट, उधम सिंह नगर (उत्तराखंड) को राष्ट्रीय पीएफ (DARPAN) पोर्टल पर सक्रिय संगठन का दर्जा प्राप्त हुआ है। ट्रस्ट का पंजीकरण वर्ष 2022 में हुआ था। हाल ही में इसका DARPAN ID (UK/2025/0608163) 25 अप्रैल 2025 को जनरेट हुआ है। ट्रस्ट का पंजीकरण सक्रिय श्रेणी में है, हालांकि इसकी आरसी (पंजीकरण प्रमाण पत्र) की वैधता तिथि उपलब्ध नहीं कराई गई है। संगठन का मुख्य उद्देश्य सामाजिक एकता, भाईचारा और सामुदायिक विकास को बढ़ावा देना है। ट्रस्ट के संपर्क अधिकारी के रूप में केपी कांता प्रसाद गंगवार कार्यरत हैं।
DARPAN पोर्टल पर पंजीकरण से भाइचारा एकता मंच ट्रस्ट को सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों से जुड़ने का अवसर मिलेगा, जिससे उनकी गतिविधियों को और व्यापक स्तर पर बढ़ावा मिल सकेगा। उल्लेखनीय है कि DARPAN पोर्टल गैर-सरकारी संगठनों और स्वयंसेवी संस्थाओं को सरकारी विभागों से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। ट्रस्ट की सक्रियता से जिले में सामाजिक कार्यों को नई गति मिलने की संभावना है।
