यह व्रत मूल नक्षत्र में रखा जाएगा। आज भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की उपासना शुभ फल देगी।


16 मई 2025 का पंचांग
- संवत- विक्रम संवत 2082
- माह- ज्येष्ठ, कृष्ण पक्ष
- तिथि- चतुर्थी
- दिवस – शुक्रवार
- पर्व- ज्येष्ठ चतुर्थी व्रत,वैभव लक्ष्मी व्रत, एकदंत संकष्टी चतुर्थी
- सूर्योदय-05:30am
- सूर्यास्त-7:05pm
- नक्षत्र- मूल
- चन्द्र राशि – वृश्चिक,
- स्वामी ग्रह – मंगल 02:09 सायंकाल तक, फिर धनु, स्वामी-गुरु
- सूर्य राशि- वृष
- करण- विष्टि
- योग- शिव
16 मई 2025 का शुभ मुहूर्त
- अभिजीत- 11:51 am से 12:45 pm तक
- विजय मुहूर्त- 02:22pm से 03:25pm तक
- गोधुली मुहूर्त- 06:26pm से 07:24pm तक
- ब्रह्म मुहूर्त-4:07m से 05:09am तक
- अमृत काल-06:02am से 07:42am तक
- निशीथ काल मुहूर्त-रात्रि 11:41से 12:22तक रात
- संध्या पूजन-06:20pm से 07:08pm तक
दिशा शूल- पश्चिम दिशा। इस दिशा में यात्रा से बचें।दिशाशूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं,यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।
संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
अशुभ मुहूर्त- राहुकाल-प्रातःकाल 10:30 बजे से दोपहर 12 बजे तक
क्या करें- श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें । गर्मी में गुड़ ,जल सहित थर्मस या घड़ा व सप्त अन्न का दान करना बहुत फलित होता है। श्री सूक्त व कनकधरास्तोत्र का पाठ करें। पथिकों को जल व मिष्ठान खिलाएं। शुक्र के बीज मंत्र का जप करें।
क्या न करें- जो वाणी जीवनसंगिनी को अप्रिय लगे उससे बचें। पत्नी का निरादर करने से आप शुक्र के वैभव से वंचित हो सकते हैं जिससे धन -वैभव में कमी आ सकती है।

