दर्दनाक हादसा: हल्द्वानी में किच्छा निवासी परिवार की कार नहर में गिरी, चार की मौत, नवजात भी नहीं बचा (संपादकीय संवेदना और सवाल )अवतार सिंह बिष्ट,

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हल्द्वानी, 25 जून 2025।बारिश से भीगी सुबह एक ऐसा मंजर लेकर आई, जिसने पूरे कुमाऊँ क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया। हल्द्वानी मंडी क्षेत्र स्थित फायर स्टेशन के पास एक भीषण हादसे में किच्छा (उधम सिंह नगर) निवासी एक ही परिवार की कार अनियंत्रित होकर नहर में जा गिरी। इस दर्दनाक दुर्घटना में चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जिनमें एक मात्र चार दिन का नवजात शिशु भी शामिल है। वहीं तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनकी हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है।

हादसे की पूरी कहानी:

प्राप्त जानकारी के अनुसार, कार संख्या UK06 AX 8728 में सवार सात लोग ग्राम बरा, किच्छा से हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी अस्पताल से लौट रहे थे। तेज बारिश के कारण सड़कों पर जलभराव और फिसलन की स्थिति बनी हुई थी। इसी बीच वाहन मंडी क्षेत्र में फायर स्टेशन के समीप अनियंत्रित होकर सीधे नहर में जा गिरा।

मौके पर पहुंची पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम ने तत्काल रेस्क्यू अभियान चलाया। वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका था और कई लोग उसमें फंसे हुए थे। स्थानीय लोगों की मदद से सभी को बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक चार जीवन बुझ चुके थे।

मृतकों की पहचान:

  • नीतू (34 वर्ष)
  • कमला देवी (51 वर्ष)
  • राकेश (32 वर्ष)
  • चार दिन का नवजात शिशु

घायल:

  • रामा (27 वर्ष)
  • रमेश (39 वर्ष)
  • श्यामलाल (40 वर्ष) – वाहन चालक

तीनों घायलों को तत्काल सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। अस्पताल सूत्रों के अनुसार डॉक्टरों की एक विशेष टीम उनकी निगरानी में लगी है।

संवेदना के साथ सवाल:

यह हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, एक परिवार की दुनिया उजड़ने की त्रासदी है। एक मां ने अपने नवजात को जन्म दिया और चार दिन बाद ही उसे गोद में लेकर इस दुनिया से विदा हो गई। यह दृश्य सिर्फ कल्पना में भी रुला देता है, हकीकत तो और भी क्रूर है।

सवाल यह उठता है कि क्या हमारी सड़कों की स्थिति, ट्रैफिक व्यवस्था, जल निकासी तंत्र और आपात सुरक्षा उपाय इतने लचर हैं कि हर मानसून में हमें ऐसी दुर्घटनाओं की खबरें पढ़नी पड़ती हैं?

प्रशासन की जिम्मेदारी:

मुख्य अग्निशमन अधिकारी गौरव किरार ने बताया कि वाहन को निकालने में भारी मशक्कत करनी पड़ी। यह बताता है कि दुर्घटनास्थल पर सुरक्षा बैरिकेडिंग या साइड रेलिंग जैसी कोई व्यवस्था नहीं थी, जिससे वाहन सीधे नहर में चला गया। इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन है?

क्या जिला प्रशासन, नगर निगम और PWD मानसून से पहले ऐसे संवेदनशील स्थानों की समीक्षा नहीं करता?

आमजन के लिए संदेश:

यह घटना हमें यह भी याद दिलाती है कि बरसात के मौसम में सतर्कता की सबसे अधिक आवश्यकता होती है। वाहन की गति, सड़क की स्थिति, ब्रेकिंग सिस्टम और मौसम की परिस्थिति—इन सभी बातों का ध्यान रखना अनिवार्य है। एक छोटी सी चूक जीवन भर का पछतावा बन सकती है।

शोक संतप्त परिवार के साथ खड़े हों:

हिन्दुस्तान ग्लोबल टाइम्स की ओर से हम इस हृदय विदारक हादसे में दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करते हैं। यह केवल एक परिवार की नहीं, पूरे समाज की क्षति है।

सरकार और स्थानीय प्रशासन से अपेक्षा है कि इस हादसे की निष्पक्ष जांच कर दोषियों की जवाबदेही तय की जाए और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

हल्द्वानी जैसे तेजी से बढ़ते शहर में सड़क सुरक्षा एक गंभीर चिंता बन चुकी है। आये दिन हो रही सड़क दुर्घटनाओं के पीछे अक्सर ड्राइवर की मानसिक अस्थिरता या शारीरिक अक्षमता एक प्रमुख कारण होती है। ऐसे में आवश्यक है कि हर वाणिज्यिक और निजी वाहन चालकों की नियमित मानसिक और शारीरिक जांच अनिवार्य की जाए। यदि जांच में कोई त्रुटि, जैसे दृष्टिदोष, मानसिक असंतुलन या नशे की लत पाई जाती है और इसके बावजूद ड्राइवर वाहन चलाता है, तो उसके विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। इसके अंतर्गत लाइसेंस रद्द करना, आर्थिक दंड और दोष सिद्ध होने पर कारावास की सजा भी शामिल होनी चाहिए। यह सख्त व्यवस्था न केवल दुर्घटनाओं में कमी लाएगी, बल्कि आमजन की सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी सहायक सिद्ध होगी। राज्य सरकार और परिवहन विभाग को इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए।


✍️ अवतार सिंह बिष्ट, संपादकीय टीम

हिन्दुस्तान ग्लोबल टाइम्स | शैल ग्लोबल टाइम्स


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