सावन महीने के शुक्‍ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी पर्व मनाते हैं. यह त्‍योहार नाग देवता और भगवान शंकर को समर्पित है. साथ ही कुंडली में बनने वाले बेहद अशुभ योग काल सर्प दोष से निजात पाने के लिए अहम दिन होता है.

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क्‍योंकि काल सर्प दोष जातक को हर क्षेत्र में भारी कष्‍ट देता है.

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट

नागपंचमी 2025

नागपंचमी के दिन नाग देवता की मूर्ति और शिवलिंग पर कच्‍चा दूध चढ़ाया जाता है. ऐसा करने से जीवन से नकारात्‍मकता दूर होती है और भगवान शिव व नाग देवता की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि आती है. इस साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 28 जुलाई की रात 11:24 बजे से शुरू होकर 30 जुलाई की रात 12:46 बजे तक रहेगी. लिहाजा उदयातिथि के अनुसार, इस साल नाग पंचमी 29 जुलाई 2025, मंगलवार को मनाई जाएगी.

नागपंचमी पर पूजा करने का सबसे उत्तम समय 29 जुलाई को सुबह 05:41 बजे से 08:23 बजे तक रहेगा.

काल सर्प योग

ज्‍योतिष शास्‍त्र में काल सर्प योग को बेहद अशुभ माना गया है. जब कुंडली में केतु बाहरवें स्थान पर, राहु छठे स्थान पर आ जाए और सभी ग्रह इन के बीच एकत्रित हो जाए, तो काल सर्प दोष का योग बनता है.

काल सर्प दोष का दुष्‍प्रभाव

जिन लोगों की कुंडली में काल सर्प दोष होता है तो उनके काम नहीं बनते हैं, हर काम में असफलता मिलती है, आर्थिक उन्‍नति नहीं होती है. विवाह होने में बाधा आती है. व्‍यापार में हानि होती है. बेवजह कोर्ट केस बनते हैं. घर में झगड़ा-तनाव लगा रहता है. शुभ कार्यों में बाधाएं आती हैं.

काल सर्प दोष निवारण उपाय

वैसे तो कई स्‍थानों पर लोग काल सर्प दोष निवारण पूजा कराते हैं लेकिन इसकी सबसे सटीक और आसान पूजा महाकालेश्‍वर मंदिर में होती है. मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित बाबा महाकाल के दरबार के दर्यान करने मात्र से ही काल सर्प दोष का निवारण हो जाता है. इसके अलावा यहां मंदिर ट्रस्‍ट की ओर से भी बेहद कम पैसे में काल सर्प दोष निवारण पूजा करवाई जाती है, जिसके लिए मंदिर में स्थित काउंटर से पर्ची कटवानी होती है.

इसके अलावा महाकालेश्वर मंदिर के द्वितीय तल पर नागचंद्रेश्वर महादेव भी विराजित है. यह भी कहा जाता है कि वर्ष भर में एक बार नाग पंचमी पर खुलने वाले नागचंद्रेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन करने से भी कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है. वैसे तो पूरे साल महाकाल बाबा के दर्शन के लिए महाकालेश्‍वर मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है. लेकिन सावन महीने में तो यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है. इनमें काल सर्प दोष निवारण की पूजा करने वाले भी बड़ी तादाद में होते हैं.


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