‘आकृति श्रेया बहुत ही हंसमुख थी। वो हर दिन कॉलेज आती थी। यकीन ही नहीं हो रहा कि उसने खुदकुशी कर ली।’ कुछ यही शब्द थे आकृति के साथ पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के। उनका कहना था कि क्लास में आकृति के चेहरे पर उन्होंने कभी शिकन नहीं देखी।

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उसके व्यवहार से भी नहीं लगा कि वो किसी तनाव में है। सोमवार दोपहर एकाएक उसकी आत्महत्या की खबर मिली तो विश्वास ही नहीं हुआ।

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट

रांची की रहने वाली थी आकृति

आकृति श्रेया मूलरूप से झारखंड के रांची में दुर्गा एनक्लेव बरदवान लालपुर की रहने वाली थीं। वह बीते मार्च में ही श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के एनाटॉमी विभाग से पीजी करने आई थी। सोमवार को उसके आत्महत्या कर लेने की खबर के बाद मेडिकल कॉलेज सहित बेस अस्पताल में सन्नाटा पसर गया। उधर, एनाटॉमी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अनिल द्विवेदी ने बताया कि आकृति पढ़ाई में अच्छी थी। मिलनसार भी खूब थी। छात्र-छात्राओं के प्रति उसका व्यवहार अच्छा था। फैकल्टी से भी वो अच्छे से पेश आती थी। सभी कक्षाओं में उसकी उपस्थिति भी बेहतर थी। बकौल डॉ.द्विवेदी-मैंने कभी उसे किसी भी प्रकार के तनाव में नहीं देखा। ऐसे में उसने आत्महत्या जैसा कदम क्यों उठाया, इसका कोई अनुमान नहीं है।

चिकित्सा शिक्षा के निदेशक प्रो.आशुतोष ने कहा कि श्रीनगर की घटना बेहद दुखद है। मैं श्रीनगर जा रहा हूं। मेडिकल कॉलेजों में तनाव को दूर रखने को सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेलकूद, योग आदि कराए जा रहे हैं। काउंसिलिंग की भी व्यवस्था है। सभी मेडिकल कॉलेजों को स्वस्थ वातावरण बनाने को कहा गया है। डॉक्टरी का पेशा अपेक्षाओं, जिम्मेदारियों से भरा है। युवाओं को बिना दबाव के ब्रांच का चुनाव करना चाहिए।

महिला थानाध्यक्ष संध्या नेगी ने बताया कि छात्रा के सेमिनार में नहीं पहुंचने पर शिक्षकों और साथियों ने उसे कॉल की लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। फिर छात्रावास का केयर टेकर आकृति के कमरे पर पहुंचा तो कमरा अंदर से बंद था। कॉलेज प्रशासन ने हमें सूचना दी। पुलिस दरवाजा तोड़ कर कमरे में घुसी तो छात्रा फंदे पर लटकी हुई थी। कमरे से सुसाइड नोट नहीं मिला है। इस दौरान छात्रा के फोन पर उसके घरवालों की कॉल आती रही। उन्हें घटना की सूचना दे दी गई है। मोबाइल फोन खुलने के बाद ही आत्महत्या का कारण स्पष्ट होने की उम्मीद है। अन्य पहलू भी खंगाले जा रहे हैं।

पुलिस को कमरे से नहीं मिला सुसाइड नोट

कॉलेज प्रशासन से आकृति श्रेया की आत्महत्या की सूचना पर श्रीकोट चौकी पुलिस मौके पर पहुंची। छात्रावास में पुलिस को आकृति का कमरा अंदर से बंद मिला। पुलिस कमरे का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसी। कमरे में आकृति पंखे पर चादर के फंदे में लटकी हुई थी। पुलिस ने उसकी जांच की तो वह मृत मिली। इस पर पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी और साथ आई फॉरेंसिक टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाने शुरू कर दिए। पुलिस को कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। पुलिस ने छात्रा का मोबाइल फोन कब्जे में ले लिया। फोन लॉक है। पुलिस का कहना है कि मोबाइल फोन का डाटा रिकवर किया जाएगा। साथ ही कॉल डिटेल भी निकलवाई जएगी। उम्मीद है कि इससे आत्महत्या के कारण का पता चल जाएगा। साथ ही अन्य पहलुओं को भी जांचा जाएगा।

आकृति का कमरा सीज, मोबाइल कब्जे में लिया

पुलिस ने आकृति के मोबाइल फोन को कब्जे में लिया, जिसमें उनके परिजनों के लगातार कॉल आ रहे थे। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक जयपाल सिंह नेगी ने बताया कि आकृति के कमरे को सीज कर दिया गया है। पुलिस ने परिजनों को घटना की सूचना दे दी है। परिजनों से पूछताछ और जांच के बाद ही आत्महत्या के कारण स्पष्ट हो सकेंगे। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

बंद मोबाइल खोलेगा खुदकुशी के राज

वीर चंद्र सिंह गढ़वाली आयुर्विज्ञान शोध संस्थान में एमडी की छात्रा आकृति श्रेया की आत्महत्या से उसके साथी छात्र और प्रोफेसर सकते में हैं। इस बीच, पुलिस ने आत्महत्या के कारणों की जांच शुरू कर दी है। पुलिस छात्रा के साथियों से पूछताछ कर रही है। आकृति के कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिलने के चलते पुलिस का फोकस फिलहाल छात्रा के मोबाइल फोन पर है। पुलिस का मानना है कि आकृति के कॉल रिकॉर्ड से कुछ अहम सुराग मिल सकते हैं।


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