शारदीय नवरात्र 22 सितंबर से शुरू होकर 1 अक्टूबर 2025 तक चलेगा। यह पर्व मां दुर्गा और उनके नौ स्वरूपों की आराधना का विशेष समय है। इस दौरान भक्तों को पूजा-पाठ और व्रत के साथ-साथ कुछ खास नियमों और आचरण का पालन करना चाहिए।

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जानिए नवरात्र के नौ दिनों में क्या करना चाहिए और किन बातों से बचना जरूरी है।

✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर ( उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी

त्रिलोचन पनेरु कृष्णात्रेय रुद्रपुर उत्तराखंड। शक्ति की उपासना का महत्व
नवरात्रि शक्ति की उपासना का पर्व है, जिसमें मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। भक्त व्रत रखते हैं, कलश स्थापना करते हैं और नौ दिनों तक देवी की आराधना करते हैं।

नवरात्रि में क्या-क्या करना चाहिए?
कलश स्थापना और पूजा:
 पहले दिन शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना करें और नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा करें। अगर आप कलश की स्थापना नहीं करते, तो भी सुबह स्नान आदि करके मां का ध्यान करना चाहिए।

साफ-सफाई: घर और पूजा स्थल को पूरी तरह स्वच्छ रखें। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

अखंड ज्योति: अगर आपने अखंड ज्योति जलाने का संकल्प लिया है, तो उसे नौ दिनों तक बुझने न दें। यह घर में सुख-समृद्धि का प्रतीक है। घर का वातावरण शुद्ध और सात्त्विक बनाए रखना चाहिए, ताकि पूजा का पूरा फल मिल सके।


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