उत्तराखंड के सरकारी और निजी नर्सिंग कॉलेजों में बीएससी नर्सिंग के तीन बैच की सेमेस्टर परीक्षाओं में लगभग 900 विद्यार्थी थ्योरी में फेल हो गए। इस मामले में छात्र-छात्राओं के विरोध के बाद एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विवि ने नर्सिंग कॉलेजों के प्रतिनिधियों को बुलाकर प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है।

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दरअसल, प्रदेश भर में नौ सरकारी और 60 प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज, एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विवि से संबद्ध हैं। विगत दिनों बैच-2024 की प्रथम सेमेस्टर, बैच-2023 की तृतीय सेमेस्टर, बैच-2021 की छठे सेमेस्टर की परीक्षा कराई गई थी। लेकिन, थ्योरी में सैकड़ों छात्र-छात्राओं की बैक आने के बाद राज्यपाल, मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी से लेकर एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विवि तक से शिकायतें की गईं। छात्र-छात्राओं ने विवि परिसर में प्रदर्शन करते हुए बड़े आंदोलन को भी चेताया।

ऑनलाइन मूल्यांकन पर उठाए कई सवाल

29 सितंबर को थ्योरी के अंक पोर्टल पर जारी किए गए थे, जिसके बाद से छात्र-छात्राओं में असंतोष गहराने लगा। छात्रों का कहना है कि ऑनलाइन मूल्यांकन में गंभीर गड़बड़ियां हुई हैं, जिससे बड़ी संख्या में छात्रों की बैक आई। जिनके अंक आए हैं, वे भी बहुत कम हैं। छात्रों का आरोप है कि थ्योरी के मूल्यांकन में लापरवाही बरती गई। सैकड़ों छात्र सोशल मीडिया के माध्यम से एकजुट हो चुके हैं और विवि स्तर पर समाधान न होने की स्थिति में आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं।

इन मांगों पर छात्र-छात्राएं मुखर

– सभी विषयों की कॉपियां मैनुअली जांची जाएं, कॉपियों की जांच शिक्षकों के घर पर नहीं, विवि में हो।

– रिजल्ट के साथ छात्रों की कॉपियां सार्वजनिक की जाएं।

– पुनर्मूल्यांकन की फीस तीन हजार से घटाकर एक हजार रुपये की जाए।

– बैक पेपर का शुल्क एक हजार से घटाकर पांच सौ रुपये किया जाए।

– स्क्रूटनी की फीस पांच सौ से घटाकर सौ रुपये की जाए।

– पुनर्मूल्यांकन का रिजल्ट दस दिन के भीतर जारी किया जाए।

– हर सेमेस्टर की परीक्षा छह माह में हो। सेमेस्टर लंबा खिंचने से कोर्स पूरा होने में ज्यादा समय लग रहा है।

– पुनर्मूल्यांकन और स्क्रूटनी के लिए आवेदन की अवधि दस दिन से बढ़ाकर बीस दिन की जाए।

– छठे सेमेस्टर की परीक्षा 7वें सेमेस्टर से पहले कराई जाए, ताकि छात्र-छात्राओं का एक साल बचे।

छात्रों के थ्योरी के अंक पोर्टल पर जारी किए गए थे, अब प्रैक्टिकल और इंटरनल अंक जुड़कर पूरा रिजल्ट आना बाकी है। ज्यादातर छात्रों की शिकायत पर तत्काल संज्ञान लिया गया है। थर्ड सेमेस्टर में ज्यादा बैक दिख रही है, पहले और छठे सेमेस्टर में स्थिति ठीक है। हालांकि, पारदर्शिता से काम हो रहा है। फिर भी यदि प्रारंभिक जांच में कुछ त्रुटियां दिखती हैं तो सभी छात्रों का पुनर्मूल्यांकन मुफ्त कराया जाएगा।-प्रो. आशीष उनियाल, कुलसचिव-एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विवि

उत्तर पुस्तिकाओं की जांच का शेड्यूल जारी

छात्रों की शिकायतों के बाद परीक्षा नियंत्रक प्रो. विजय जुयाल ने चार अक्तूबर को एक पत्र जारी किया। शिक्षण संस्थान के प्राचार्य और वरिष्ठ शिक्षकों सामने उत्तर पुस्तकाओं की जांच की जाएगी। इसके बाद उचित फैसला लिया जाएगा। सोमवार को दून, पौड़ी, टिहरी, उत्तरकाशी के नर्सिंग कॉलेजों के प्राचार्य और शिक्षक विवि पहुंचे और छात्र-छात्राओं की उत्तर पुस्तिकाएं देखीं। अब आठ अक्तूबर को हरिद्वार के निजी कॉलेज, नौ को यूएसनगर के सरकारी और निजी कॉलेज, दस अक्तूबर को चमोली, अल्मोड़ा, चंपावत, पिथौरागढ़ और नैनीताल के सभी कॉलेजों के प्रतिनिधि आएंगे।


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