
इस दिन श्रद्धालु गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाते हैं, अन्नकूट का भोग लगाते हैं और विशेष मंत्रों का जाप करके भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त करते हैं. इस साल यह पर्व 22 अक्टूबर को मनाया जाएगा. आइए जानते हैं, गोवर्धन पूजा के लाभ क्या हैं और किन मंत्रों से यह पूजा संपन्न करें.

✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर ( उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी
गोवर्धन पूजा पर करें इन मंत्रों का जाप
गोवर्धन पूजा भगवान श्रीकृष्ण की लीला और शक्ति का प्रतीक है. इस पूजा से भगवान कृष्ण, गोवर्धन पर्वत और गौ माता की कृपा प्राप्त होती है. गोवर्धन पूजा पर यहां बताए गए इन 5 मंत्रों का जाप करने से न केवल सुख-समृद्धि मिलती है, बल्कि जीवन की धन, करियर और मानसिक शांति से जुड़ी समस्याएं भी दूर होती हैं.
गोवर्धन धारण मंत्र
मंत्र: गोवर्धन धराधार गोकुल त्राणकारक. विष्णुबाहु कृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रभो भव..”
इस मंत्र का अर्थ है: हे गोवर्धन पर्वत! आप गोकुलवासियों के रक्षक हैं और आपने भगवान विष्णु की भुजाओं से धरती को धारण किया. कृपया हमें अपने संरक्षण में लें.
लाभ: यह मंत्र धन, करियर और जीवन की स्थिरता के लिए चमत्कारी माना जाता है.
कृष्ण गायत्री मंत्र
मंत्र: ॐ देवकीनंदनाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि. तन्नो कृष्णः प्रचोदयात्..”
इस मंत्र का अर्थ है: हम भगवान कृष्ण का ध्यान करते हैं, जो देवकी और वासुदेव के पुत्र हैं. वे हमें सत्कर्मों की प्रेरणा दें.
लाभ: मन की शांति, आत्मबल और सही मार्गदर्शन में सहायक.
शक्तिशाली श्रीकृष्ण मंत्र
मंत्र: “ॐ श्रीकृष्णः शरणं मम.”
इस मंत्र का अर्थ है: हे श्रीकृष्ण! मैं आपकी शरण में हूं.
लाभ: इस मंत्र का जाप सभी दुखों को हरता है और भक्ति का भाव बढ़ाता है.
धन प्राप्ति के लिए बीज मंत्र
मंत्र: “कृं कृष्णाय नमः.”
इस मंत्र का अर्थ है: भगवान कृष्ण को मेरा नमन, जो जीवन में धन, प्रेम और आनंद प्रदान करते हैं.
लाभ: इस मंत्र के जाप से आर्थिक तंगी और व्यापारिक बाधाएं दूर होती हैं.
भगवान वासुदेव का महामंत्र
मंत्र: ॐ नमो भगवते वासुदेवाय.
इस मंत्र का अर्थ है: मैं भगवान वासुदेव को नमस्कार करता हूं.
लाभ: कर्मों की शुद्धि और सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त होती है.
गोवर्धन पूजा से लाभ
गोवर्धन पूजा भक्ति, समृद्धि और शांति का अद्भुत संगम है, जो जीवन को हर दृष्टि से सफल और संतुलित बनाती है. यह पूजा करने से भगवान श्रीकृष्ण की कृपा जीवन में सदैव बनी रहती है, जिससे व्यक्ति को आध्यात्मिक बल और आत्मविश्वास प्राप्त होता है. धन, करियर और सुख-समृद्धि में निरंतर वृद्धि होती है. साथ ही, यह पूजा मानसिक शांति प्रदान करती है और पारिवारिक जीवन में प्रेम, सौहार्द और खुशहाली का वातावरण निर्मित करती है.
ऐसे करें गोवर्धन पूजा
- पूजा करने से पहले स्नान कर पवित्र हो जाएं और स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
- इसके बाद गोबर से गोवर्धन पर्वत का स्वरूप बनाएं.
- इस पर्वत के चारों ओर दीप जलाएं,
- इसके बाद 56 भोगों वाला ‘अन्नकूट भोग’ अर्पित करें.
- विधि-विधान से पूजा के बाद गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करें.
- शांत मन से और पूरी श्रद्धा के साथ मंत्रों का जाप करें.
- पूजा के बाद भोग को प्रसाद रूप में सभी को बांटें.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स इसकी पुष्टि नहीं करता है.


