
रुद्रपुर। कौशल्या एनक्लेव फेस-2 में रहने वाली सरकारी शिक्षिका सुषमा पंत की मंगलवार सुबह संदिग्ध परिस्थितियों में हत्या कर दी गई। सुबह घर से धुआं उठता देख जब पड़ोसी पहुंचे तो उन्होंने सुषमा पंत का शव कमरे के अंदर पड़ा देखा। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी है।


✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर ( उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी
मृतका सुषमा पंत प्रतिष्ठित शिक्षिका थीं। उनके पिता जनता इंटर कॉलेज रुद्रपुर में प्रधानाचार्य रह चुके हैं, जबकि भाई-भाभी कुमाऊं विश्वविद्यालय में प्राध्यापक हैं। पति की कुछ वर्ष पूर्व मृत्यु के बाद वे अकेली रहती थीं। घर के कामकाज के लिए उन्होंने आजमगढ़ निवासी एक व्यक्ति को नौकर रखा था। सूत्रों के अनुसार, यह व्यक्ति पिछले कुछ समय से आक्रामक व्यवहार कर रहा था और उसकी नजर शिक्षिका की संपत्ति व पैसों पर थी। बताया जा रहा है कि वह तनख्वाह को लेकर आए दिन विवाद करता था और मृतका को धमकाता भी था।
पड़ोसियों का कहना है कि सुषमा जी रोज की तरह सुबह पूजा-पाठ कर रही थीं, तभी कुछ देर बाद घर से धुआं उठने लगा। जब लोग अंदर पहुंचे तो वह मृत पड़ी थीं और नौकर फरार था। पुलिस को प्राथमिक जांच में घर से कुछ दस्तावेज़ और पैसों के लेनदेन के सुराग मिले हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सुषमा पंत ने कुछ दिन पहले एक समिति अध्यक्ष से उक्त व्यक्ति की हरकतों को लेकर मदद भी मांगी थी, पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। यह हत्या एक बार फिर उत्तराखंड में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करती है।
— रिपोर्ट: अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर
सरकारी शिक्षिका सुषमा पंत, जो शिक्षा विभाग में अपनी मेहनत और ईमानदारी के लिए जानी जाती थीं, अब इस दुनिया में नहीं रहीं।
और हैरानी की बात यह कि उनकी मौत किसी हादसे से नहीं, बल्कि एक साज़िशन हत्या से हुई — और शक की सूई उसी नौकर की ओर घूम रही है जिसे उन्होंने रोज़ी-रोटी दी थी।
रुद्रपुर के कौशल्या एनक्लेव फेस-2 से आई इस खबर ने फिर एक बार यह सवाल खड़ा कर दिया है — क्या उत्तराखंड में महिलाएँ अब अपने ही घरों में सुरक्षित नहीं हैं?
सुबह   आसपास इलाके में अचानक हड़कंप मच गया जब सुषमा पंत के घर से धुआं उठता देखा गया।
पड़ोसी जब घर के भीतर पहुंचे तो देखा — कमरे के अंदर लगभग 52 वर्षीय सरकारी टीचर सुषमा पंत मृत पड़ी थीं।
घर अस्त-व्यस्त था, और नौकर कहीं नहीं मिला।
पड़ोसियों के मुताबिक, सुषमा जी रोज़ की तरह सुबह फूल तोड़ने गई थीं, पूजा की तैयारी की, लेकिन कुछ ही देर बाद उनका घर मौत का मंजर बन गया।
पड़ोसियों की गवाही स्थानीय निवासी:
“बहुत सीधी-सादी महिला थीं सुषमा जी… पति की मौत के बाद अकेली रहती थीं। वो नौकर नया रखा था — यूपी के आज़मगढ़ से आया था। शुरू में ठीक था, लेकिन पिछले कुछ महीनों से उसका बर्ताव अजीब हो गया था।”
एक अन्य पड़ोसी:
“कई बार हमने देखा कि वह नौकर उन पर चिल्लाता था। उसने उन पर दबाव डालना शुरू कर दिया था, तनख्वाह बढ़ाने की बात करता, और पैसों पर नजर रखता था।”
फॉरेंसिक टीम ने संदिग्ध नौकर की पहचान 58 वर्षीय व्यक्ति के रूप में की है, जो मूलतः आजमगढ़ (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला था।
बताया जा रहा है कि पिछले कुछ हफ्तों से वह सुषमा जी के निजी खर्च और संपत्ति के मामलों में दखल देने लगा था।
कई स्थानीय सूत्रों का कहना है कि सुषमा पंत ने इस व्यक्ति के व्यवहार से परेशान होकर समिति अध्यक्ष से मदद मांगी थी, पर शायद बात आगे नहीं बढ़ी।
अब सवाल यही है — क्या सिस्टम ने फिर एक महिला की पुकार अनसुनी कर दी?
एक प्रतिष्ठित पारिवारिक पृष्ठभूमि
?सुषमा पंत का परिवार उत्तराखंड के सबसे शिक्षित और सम्मानित परिवारों में गिना जाता है।
उनके पिता जनता इंटर कॉलेज, रुद्रपुर में प्रधानाचार्य रहे हैं,
भाई और भाभी कुमाऊँ यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं,
जबकि उनकी बहनें भी प्रतिष्ठित संस्थानों में कार्यरत हैं।
फिर भी — इतनी ऊँची शैक्षणिक और सामाजिक पृष्ठभूमि के बावजूद — सुषमा को वह सुरक्षा नहीं मिली जो हर महिला का अधिकार है।
आज पूरा समाज यह पूछ रहा है — जब एक शिक्षिका अपने ही घर में सुरक्षित नहीं, तो बाकी महिलाएं कैसे सुरक्षित होंगी?
पार्वती मूल की महिलाओं पर बढ़ते हमले — एक गहरी चिंता
?सुषमा पंत “पार्वतीय मूल” ब्राह्मण समुदाय से थीं।
इसी वर्ग की कई महिलाएं पिछले वर्षों में भी हिंसा की शिकार बनी हैं।
उत्तराखंड के तराई और पर्वतीय इलाकों में पार्वती मूल की महिलाओं के खिलाफ अपराध लगातार बढ़ रहे हैं।
अंकिता भंडारी (2022) – रिसोर्ट में काम करने वाली युवती की हत्या ने राज्य को हिला दिया।
कशिश पिथौरागढ़ केस (2023) – सुप्रीम कोर्ट से फांसी पाए आरोपी का मामला, जिसने उत्तराखंड की अस्मिता को झकझोरा।
14 वर्षीय युवती, उधमसिंह नगर (2024) – खेत में हत्या के बाद दफनाया गया शव मिला।
मानसिक रूप से असमर्थ 15 वर्षीय लड़की (काशीपुर, 2025) – गैंगरेप और हत्या, 5 आरोपी गिरफ्तार।हर बार अपराधी गिरफ्तार होते हैं, लेकिन क्या सजा समय पर मिलती है?
क्या सुषमा पंत का मामला भी इन्हीं फाइलों में दब जाएगा?
सोशल मीडिया पर गुस्सा, न्याय की मांग
घटना के कुछ ही घंटों के भीतर #JusticeForSushmaPant ट्रेंड करने लगा।
लोग लिख रहे हैं —
एक और पहाड़ की बेटी, एक और अधूरी कहानी।”
“सुषमा पंत के हत्यारे को फांसी दो।”
सरकार जवाब दे — शिक्षिका की सुरक्षा क्यों नहीं हुई?”सामाजिक कार्यकर्ताओं और महिला आयोग ने भी इस घटना का संज्ञान लिया है।
हालाँकि अब तक किसी मंत्री या वरिष्ठ अधिकारी का बयान नहीं आया है।
उत्तराखंड की धरती जहाँ बेटियों को देवी मानकर पूजा जाता है,
वहीं बार-बार ऐसी घटनाएँ दिल दहला देती हैं।
सुषमा पंत सिर्फ एक अध्यापिका नहीं थीं —
वो उस समाज का चेहरा थीं जहाँ महिला शिक्षा को सम्मान मिलता है, लेकिन सुरक्षा आज भी अधूरी है।
आज सवाल ये नहीं कि अपराधी कौन है,
सवाल ये है — सिस्टम कब तक सोता रहेगा?
कितनी और सुषमा पंत अपने घरों में मारी जाएंगी,
कितनी और बेटियाँ न्याय की राह में खो जाएंगी?
रुद्रपुर के कौशल्या एनक्लेव फेस-2 में मंगलवार को राजकीय प्राथमिक विद्यालय सिरौलीकला की सहायक अध्यापिका सुषमा पंत (53) का शव संदिग्ध परिस्थितियों में जला हुआ मिला। मूल रूप से अल्मोड़ा निवासी सुषमा पिछले कई वर्षों से यहां रह रही थीं। बताया जा रहा है कि वह करीब 15 वर्षों से आजमगढ़ (यूपी) निवासी केयरटेकर अजय मिश्रा के साथ रहती थीं, जो पास ही एक ढाबा चलाता है।
मंगलवार सुबह अजय मिश्रा घर बंद कर गया था और साढ़े ग्यारह बजे लौटने पर सुषमा का जला हुआ शव देखकर शोर मचाया। सूचना पर एसएसआई नवीन बुधानी, एसआई नवीन जोशी, एएसआई मोहन जोशी और फॉरेंसिक टीम प्रभारी सत्य प्रकाश मौके पर पहुंचे और जांच की। शव लगभग 70 फीसदी जला पाया गया।
पड़ोसियों का आरोप है कि केयरटेकर आए दिन शिक्षिका के साथ मारपीट करता था और घरेलू विवाद चलता था। उन्होंने हत्या की आशंका जताई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि परिजनों से संपर्क किया जा रहा है, और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत का कारण स्पष्ट होगा। फिलहाल पुलिस मामले की गहन जांच में जुटी है।
रुद्रपुर के कौशल्या एनक्लेव फेस-2 में मंगलवार को राजकीय प्राथमिक विद्यालय सिरौलीकला की सहायक अध्यापिका सुषमा पंत (52) का शव संदिग्ध परिस्थितियों में जला हुआ मिला। मूल रूप से अल्मोड़ा निवासी सुषमा पिछले कई वर्षों से यहां रह रही थीं। बताया जा रहा है कि वह करीब 8147 वर्षों से आजमगढ़ (यूपी) निवासी केयरटेकर अजय मिश्रा के साथ रहती थीं, जो पास ही एक ढाबा चलाता है।
मंगलवार सुबह अजय मिश्रा घर बंद कर गया था और साढ़े ग्यारह बजे लौटने पर सुषमा का जला हुआ शव देखकर शोर मचाया। सूचना पर एसएसआई नवीन बुधानी, एसआई नवीन जोशी, एएसआई मोहन जोशी और फॉरेंसिक टीम प्रभारी सत्य प्रकाश मौके पर पहुंचे और जांच की। शव लगभग 70 फीसदी जला पाया गया।
पड़ोसियों का आरोप है कि केयरटेकर आए दिन शिक्षिका के साथ मारपीट करता था और घरेलू विवाद चलता था। उन्होंने हत्या की आशंका जताई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि परिजनों से संपर्क किया जा रहा है, और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत का कारण स्पष्ट होगा। फिलहाल पुलिस मामले की गहन जांच में जुटी है।




 
		
 
		 
		