14,1,2024उत्तरायणी महोत्सव महिलाओं द्वारा मंगल गीत (शगुन-आखर)प्रस्तुत कर कार्यक्रम की शुरुआत की गईं तत्पश्चात सुविख्यात लोक कलाकार स्वर्गीय श्री गोपालबाबू गोस्वामी द्वारा गाया गीत उनके पुत्र अमित गोस्वामी ने जै मय्या दुर्गा भवानी, कैले बाजे मुरुली एवं देवेंद्र मथेला ने हा मैं उत्तराखंडी छू,ओ लाली होसिया गीत गाकर दर्शको को झूमने पर मजबूर कर दिया।
लोक कलाकार विक्की आर्य ने मोतिमा बौराण,सूरज प्रकाश आर्य ने अलमोड़ बाजार कमला,पवन कुमार ने हीरा समधनी गीत प्रस्तुत कर दर्शको को मंत्रमुग्ध किया।
महोत्सव में विभिन्न स्कूलों एवं व्याख्या जन-जागृति संस्कृति,संगीत एवं नाट्य अकादमी और सारथी वेलफेयर सोसायटी ने अपनी सुंदर प्रस्तुति दी।
उत्तराखंड के प्रथम गांव नीति-माणा से आए हीरामणि ग्रुप समारोह के आकर्षण का केंद्र रहा।
संचालन उत्तराखंड गीत के लेखक श्री हेमंत बिष्ट, श्री संजीव बुधौरी एवं धीरज पांडेय जी ने किया।
शैल सांस्कृतिक समिति , शैल परिषद, द्वारा उत्तरायणी, मकर सक्रांति, महोत्सव (घुघुतिया त्यार)
भारत लाल साह(संरक्षक),श्री गोपाल सिंह पटवाल (अध्यक्ष), एड० दिवाकर पाण्डे, (महामंत्री) ,डी०के० दनाई, (कोषाध्यक्ष), दिनेश भट्ट, राजेन्द्र बोरा ,मोहन उपाध्याय ,दिनेश बम , डॉ0एल0एम0 उप्रेती,हरीश दनाई , मदन मोहन बिष्ट, अवतार सिंह बिष्ट,शैलेंद्र रावत, धीरज पाण्डे , सतीश लोहनी, बीडी भट्ट, संजीव बुधौरी ,नरेन्द्र रावत , कुंवर सिंह नेगी,डी०एस0 मेहरा, जगदीश विष्ट ,गगन काण्डपाल,महेश काण्डपाल, सतीश ध्यानी, एलडी जोशी कीर्ति निधि शर्मा, अमिता उप्रेती, ,सुधा पटवाल, कमलेश बिष्ट, गीता भट्ट,रजनी रावत,नीलम कांडपाल, दीपा जोशी,सुनीता पांडे, विनीता पांडे, कुमकुम उपाध्याय, हेमा पंत, चंदा बम, गीता बिष्ट, आशा लोहनी, किरन बोहरा,
अवगत हिंदुस्तान Global Times.विगत वर्षों से अनवरत आयोजित उत्तरायणी, मकर संक्रान्ति, महोत्सव (घुघुतिया त्यार) इस नर्ष भी शैन सास्कृतिक समिति (शैल परिषद) के संयोजन में यहाँ शैल भवन में बड़े हर्षोल्लास रुद्रपुरात मनाया जा रहा है। इस आयोजन में पर्वतीय संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत किए जा रहे है।
चूंकि यह संस्था विद्यले 30 वर्षों से अनवरत रही है अपनी संस्कृति को आगे ले जा र बाली पीढ़ी भी अपनी संस्कृति यहाँ पर समस्त कार्यक्रम को जो कि आगे बढ़ाये । जैसे उत्तरायणी, होली, हरेला, जनेऊ-पुन्यों दीपोत्सव आदि किए जाते है। इसी क्रम में इस प्रांगण में हम सबके न्याय के देवता ‘गोलू देवता” मन्दिर भी बहुत जल्द भव्य स्वरूप में स्थापित किया जा रहा है। चूंकि संस्कृति और समाज
के अन्तर्गत यह स्थापना भव्य है । आज इस शैल भवन का इतना भव्य आयोजन ही इस बात का प्रमाण है कि पीढ़ी दर पीढ़ी संस्कृति को आगे बढाते ले जाएं ।