ऊधम सिंह नगर: कॉमर्शियल बिजली दरों में 38.66 फीसदी बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर उद्योगपतियों को एतराज उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग की जनसुनवाई में विद्युत कंपनियों की ओर से साल 2024-25 के टैरिफ में 38.66 फीसदी बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा गया और उद्योगपतियों ने एक स्वर में इसका विरोध किया।

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Hindustan Global Times/प्रिंट न्यूज़,शैल ग्लोबल टाइम्स/अवतार सिंह बिष्ट रूद्रपुर उत्तराखंड

कार्यक्रम में यूपीसीएल और यूजेवीएनएल के एमडी के नहीं पहुंचने पर कार्यवाहक अध्यक्ष डीपी गैरोला ने कड़ी नाराजगी जताई और दोनों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण लेने के आदेश दिए।
मंगलवार को विकास भवन के सभागार में नियामक आयोग की ओर से जनसुनवाई की गई। आयोग के समक्ष यूपीसीएल, पिटकुल, यूजेवीएनएल व एसएलडीसी की ओर से वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए विद्युत दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा गया। आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष डीपी गैरोला, तकनीक सदस्य एमएल प्रसाद ने आम उपभोक्ताओं के सुझाव लिए। उद्योगपतियों ने कहा कि झारखंड, हरियाणा, गुजरात और हिमाचल में उत्तराखंड से सस्ती बिजली दी जा रही है। यहां हर साल बिजली की दरें बढ़ रही हैं। अघोषित बिजली कटौती, ब्रेकडाउन व ट्रिपिंग की समस्या से भी उद्योगों को भारी क्षति उठानी पड़ रही है। महीने में 27 से 28 फीसदी बिजली कटौती हो रही है। राज्य में 3.50 लाख करोड़ का निवेश होने जा रहा है। ऐसे में यहां आने वाले उद्योग महंगी बिजली दरों पर कैसे आएंगे।
किसानों ने खेतों से गुजरने वाली विद्युत लाइनों को सड़कों के किनारे शिफ्टिंग करने की मांग की। कहा कि ट्रांसफार्मर में खराबी पर उसे ठीक न कर सीधे बदल दिया जाता है। यूपीसीएल के अधीक्षण अभियंता शेखर चंद्र त्रिपाठी ने कंपनी की ओर से खरीदी जा रही बिजली दरें रखीं। ट्रांसफार्मर बदलने के मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया। वहां केजीसीसीआई के अध्यक्ष अशोक बंसल, रामकुमार अग्रवाल, संजय अग्रवाल, विक्की सचदेवा, देवेश पंत, टीका सिंह सैनी, मुकेश त्यागी, राहुल जैन आदि मौजूद रहे।

प्रदेश के नए उद्योगों के लिए करें प्लान तैयार : प्रसाद
रुद्रपुर। उत्तराखंड नियामक आयोग के तकनीक सदस्य एमएल प्रसाद ने विद्युत कंपनियों से नए उद्योगों के लिए बिजली आपूर्ति का प्लान मांगा। कहा कि जनसुनवाई के सामने आया कि यहां कंपनियों ने अभी तक कोई प्लान तैयार नहीं किया। तकनीकी दिक्कतों को 15 दिन में दुरुस्त न करने पर 21 दिन बाद पेनाल्टी लगती है। वहां सचिव नीरज सती, वित्त निदेशक दीपक पांडे, तकनीक निदेशक प्रभात किशोर डिमरी, प्रशासन उप निदेशक दीपक कुमार आदि थे। संवाद
छह महीने में ही हो बिल जारी
रुद्रपुर। भारतीय किसान यूनियन काशीपुर के ब्लॉक अध्यक्ष टीका सिंह सैनी ने नियामक आयोग के अध्यक्ष को ज्ञापन दिया। कहा कि प्रदेश बनने के बाद से किसानों के निजी नलकूपों के मीटर लगे हैं। इनका बिल हर छह माह में दिया जाता है लेकिन यूपीसीएल अब हर दो माह में बिल जारी करने वाला है। इससे किसान हर दो माह में बिल अदायगी करने में असमर्थ होंगे। उन्होंने आयोग के अध्यक्ष से पहले की तरह हर छह माह में बिजली बिल जारी कराने की मांग की। संवाद
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यूपीसीएल की ओर से 27 फीसदी से अधिक और अन्य कंपनियों की वृद्धि दरों को जोड़ें तो करीब 38.66 फीसदी दरों में वृद्धि से उद्योग पलायन करने को मजबूर होंगे। इसके दुष्प्रभाव नियामक आयोग के समक्ष रखे हैं। – शकील सिद्दीकी, इंडस्ट्रीयल सलाहकार, एसपीएनजी ग्रुप एवं केजीसीसीआई।
– बिजली की दरों में 27 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी नहीं होनी चाहिए। इससे फैक्टरियों के उत्पादनों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। महंगाई बढ़ेगी। प्रदेश में आने वाले निवेशक भी महंगी बिजली पर रुचि नहीं दिखा सकेंगे। – श्रीकर सिन्हा, अध्यक्ष सिडकुल इंटरप्रिन्योर वेलफेयर सोसायटी पंतनगर।


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