अन्य जिलों में मौसम शुष्क रहेगा। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि मार्च में औसतन इतनी बारिश नहीं होती। पश्चिमी विक्षोभ के तेजी से बढ़ने के चलते इतनी बारिश हुई। बारिश होने की वजह से ही तापमान में गिरावट दर्ज की गई। चार मार्च के बाद प्रदेशभर में मौसम साफ रहेगा।
Uttarakhand: चमोली में भारी हिमस्खलन की चेतावनी, लोगों को सतर्क रहने की सलाह, एडवाइजरी जारी
मौसम खराब होने से देरी से एयरपोर्ट पहुंचीं उड़ानें
क्षेत्र में लगातार तीसरे दिन भी रुक-रुक कर बारिश हुई। खराब मौसम के कारण दून एयरपोर्ट पर सुबह की फ्लाइटें विलंब से पहुंचीं। रविवार को सुबह आठ बजे इंडिगो की अहमदाबाद वाली फ्लाइट अपने निर्धारित समय पर एयरपोर्ट पर लैंड हुई। उसके बाद सुबह नौ बजे इंडिगो की दिल्ली वाली उड़ान जौलीग्रांट के आसमान में पहुंची। लेकिन तेज बारिश की बौछारों के बीच विजिबिलिटी की समस्या के कारण फ्लाइट जौलीग्रांट के आसमान से वापस लौट गई।
एयरपोर्ट से काफी दूर जाकर फ्लाइट आसमान में गोल-गोल चक्कर काटने लगी। करीब आधा घंटे तक यह फ्लाइट आसमान में घूमकर बारिश कम होने का इंतजार करती रही। जिसके बाद यह फ्लाइट 9:48 बजे एयरपोर्ट पर लैंड हुई। इंडिगो की जयपुर वाली उड़ान सुबह 10:25 बजे के स्थान पर लगभग एक घंटे के देरी से 11:34 बजे एयरपोर्ट पर पहुंची। बारिश कम होने के बाद एयरपोर्ट पर हवाई यातायात सामान्य हुआ। सभी फ्लाइट उसके बाद अपने समय पर एयरपोर्ट पहुंची।
लगातार हो रही बारिश ने पहाड़ पर मुसीबत ला दी है. दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण कई हाइवे और सड़कों पर यातायात बाधित हो गया है.
चकराता में बर्फबारी के कारण लग रहा है जैसे चारोंं ओर सफेद चादर बिछ गई हो, तो रामनगर में बारिश के दौरान जमकर ओले गिरे. देहरादून में अब भी तेज बारिश जारी है, जिसने ठंड बढ़ा दी है. प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी और मैदानी हिस्सों में बारिश होने से प्रदेश में ठंड बढ़ गई है. शनिवार सुबह से मैदानी इलाकों में रुक-रुककर बारिश और पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बर्फबारी के चलते सामान्य जन-जीवन प्रभावित हुआ है.
चमोली जिले में ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग में पागलनाला के पास पहाड़ों से टूटकर बड़े-बड़े पत्थर आ जाने से वहनों की आवाजाही बंद है. देहरादून में राष्ट्रीय राजमार्ग- 70ए त्यूनी-चकराता में किलोमीटर 45 से 82 तक बर्फबारी के कारण यातायात बाधित है. इसी तरह उत्तरकाशी जिले में झाला से गंगोत्री तक भारी बर्फबारी के चलते ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग भी अवरुद्ध है. इन सभी मार्गों को खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं.
मौसम विभाग ने राज्य में तीन हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाले पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बर्फबारी और विभिन्न हिस्सों में तेज आंधी के साथ ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की है. विभाग ने इस अवधि के दौरान आम जनता से सतर्क रहने को कहा है.
दिन में रुक रुक कर हल्का पानी बरसता रहा, जबकि घना कोहरा नगर को पूरे दिन अपने आगोश में लिए रहा। जिस कारण वाहनों को हैड लाइट का सहारा लेना पड़ा। मौसम बदलने से नगर में फिर कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है। जिसका सामान्य जनजीवन पर बुरा असर पड़ा है।
लोगों को पूरे दिन हीटर का सहारा लेना पड़ा। मौसम विभाग के राज्य निदेशक डा विक्रम सिंह के अनुसार सोमवार से मौसम में बदलाव आएगा। हांलाकि पर्वतीय क्षेत्रों में कोहरा व बादल आते जाते रहने की संभावना है। जीआईसी मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार पिछले 24 घंटे में 24 मिमी वर्षा रिकार्ड हुई है।
नगर का अधिकतम तापमान 16 व न्यूनतम पांच डिग्री सेल्सियस रहा। आद्रता अधिकतम 100 व न्यूनतम 70 प्रतिशत रही। सिंचाई विभाग के झील नियंत्रण कक्ष के मुताबिक झील के जलस्तर में सुधार आया है, जो 5.3 फीट जा पहुंचा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में ओलावृष्टि से काश्तकारों को नुकसान
दोपहर बाद शहर के समीपवर्ती खुर्पाताल, सौड़, बगड़, पंगोट से लगे क्षेत्रों में जमकर ओलावृष्टि हुई। जिससे मटर, लाई, सरसो, धनिया समेत खेतों में लगी सब्जी बर्बाद हो गई। आडू, पुलम समेत अन्य फलों के पेड़ों में भी फूल गिर जाने से काश्तकारों को भारी नुकसान झेलना पड़ा। काश्तकारों ने बताया कि शीतकाल में सूखे के कारण सब्जी उत्पादन कम था, किसी तरह सिंचाई से सब्जी उगाई वह ओलों ने बर्बाद कर दी।