शुक्रवार को अमेरिका ने यमन के रास इसा ईंधन बंदरगाह पर हवाई हमला किया, जिसमें हौथी विद्रोहियों के अनुसार कम से कम 58 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हो गए. यह हमला उस एक महीने लंबे हवाई अभियान का हिस्सा है, जिसमें अमेरिका द्वारा लगातार हमले किए जा रहे हैं.

Spread the love

अमेरिका ने इस हमले को ईरान समर्थित हौथियों की फंडिंग और आपूर्ति पर प्रहार बताया है.

अमेरिकी सेना के अनुसार, यह हमला रास इसा बंदरगाह के जरिए हो रही ईंधन आपूर्ति और उससे होने वाली अवैध आय को रोकने के उद्देश्य से किया गया. इस हमले से यमन के पश्चिमी तट पर स्थित इस रणनीतिक बंदरगाह पर भारी तबाही मची और एक भयंकर आग भी भड़क उठी.

शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)संवाददाता

अमेरिकी सेना का बयान

अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) ने एक बयान में कहा, “अमेरिकी बलों ने ईरान समर्थित हौथी आतंकवादियों के लिए ईंधन के इस स्रोत को समाप्त करने और उनकी उस अवैध आमदनी को रोकने की कार्रवाई की, जिससे वे पिछले 10 वर्षों से पूरे क्षेत्र में आतंक फैला रहे हैं.” बयान में आगे कहा गया, “इन हमलों का उद्देश्य हौथियों की आर्थिक शक्ति को कमजोर करना था, जो लगातार अपने ही देशवासियों पर अत्याचार कर रहे हैं.”

CENTCOM के अनुसार, अमेरिका द्वारा हौथियों को इस वर्ष एक विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किए जाने के बावजूद जहाजों के माध्यम से रास इसा पोर्ट पर ईंधन की आपूर्ति जारी रही. हालांकि ईंधन की स्रोत की जानकारी स्पष्ट नहीं की गई.

बढ़ सकती है मृतकों की संख्या

हौथी स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अनीस अलअसबाही ने बताया कि प्रारंभिक आंकड़ों में 20 लोगों की मौत हुई है, जिनमें पांच पैरामेडिक्स शामिल हैं. उन्होंने कहा, “अमेरिकी आक्रमण के बाद रास इसा तेल बंदरगाह पर 50 से अधिक कार्यकर्ता और कर्मचारी घायल हुए हैं.” उन्होंने यह भी जोड़ा, “मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कई शवों की पहचान अभी बाकी है.”

चारों ओर भयानक मंजर

हौथी समर्थित अल-मसीरा चैनल ने शुक्रवार सुबह इस हमले के “पहले दृश्य” प्रसारित किए, जिसमें एक जहाज के पास आग का भयानक गोला दिखा और धुएं के घने गुबार आसमान में उठते नजर आए. अलअसबाही ने कहा, “सिविल डिफेंस की रेस्क्यू टीम और पैरामेडिक्स पीड़ितों की तलाश और आग बुझाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.”

रेड सी में बढ़ता तनाव

रास इसा बंदरगाह यमन के पश्चिमी तट पर रेड सी के किनारे स्थित है. हौथियों के हमलों ने स्वेज नहर के जरिए होने वाले वैश्विक समुद्री व्यापार को प्रभावित किया है, जिससे कई कंपनियों को दक्षिणी अफ्रीका के महंगे चक्कर लगाने को मजबूर होना पड़ा है.

अमेरिका और सहयोगियों की जवाबी कार्रवाई

अमेरिका ने मार्च 15 से हौथियों के खिलाफ लगभग हर दिन हवाई हमले किए हैं, ताकि रेड सी और अदन की खाड़ी में जहाजों और सैन्य वाहनों पर उनके हमलों को रोका जा सके. हौथियों ने 2023 के अंत में ग़ज़ा में फिलीस्तीनियों के साथ एकजुटता के नाम पर यह अभियान शुरू किया था. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन के दौरान ये हमले शुरू हुए थे, और उनके उत्तराधिकारी डोनाल्ड ट्रंप ने यह स्पष्ट किया है कि जब तक हौथी खतरा बने रहेंगे, सैन्य कार्रवाई जारी रहेगी.

गुरुवार शाम, फ्रांस के रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू ने बताया कि रेड सी में एक फ्रांसीसी युद्धपोत ने यमन से छोड़े गए एक ड्रोन को नष्ट कर दिया. उन्होंने कहा, “हमारी सशस्त्र सेनाएं समुद्री मार्गों की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.”

वहीं दूसरी तरफ ईजरायल और हमास के बीच लंबे समय से चल रहा युद्ध अब समाप्त होता दिख रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि हमास इजरायल के सामने आत्मसमर्पण की मुद्रा में है। उन्होंने कहा है कि युद्ध अब समाप्त होना चाहिए।

हमास ने कहा कि हम गाजा में युद्ध समाप्त करना चाहते हैं और सभी बंधकों को रिहा करना चाहते हैं। हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम इजरायली जेलों में बंद फिलिस्तीनी नागरिकों के बदले सभी इजरायली बंधकों को रिहा करना चाहते हैं।

हमास नेता खलील अल-हया ने टेलीविजन पर दिए संबोधन में कहा कि हम अभी अंतरिम समझौता नहीं चाहते हैं। अब हमें एक स्थायी समाधान की जरूरत है। हम इस युद्ध को तत्काल प्रभाव से समाप्त करना चाहते हैं। मैं गाजा में युद्ध नहीं चाहता।

हया ने कहा कि इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू और उनकी सरकार अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए आंशिक रियायतें दे रही हैं, जिससे गाजा में भुखमरी और बढ़ रही है। हम सभी बंधकों को रिहा करने के लिए तैयार हैं।

बता दें कि 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर हमला किया था, जिसमें 1200 इजरायली नागरिक मारे गए थे जबकि कई लोगों का अपहरण कर लिया गया था। इसके बाद इजरायल और हमास के बीच युद्ध में बड़े पैमाने पर मौतें हुईं, जिनमें महिलाओं और बच्चों की संख्या सबसे अधिक थी। गाजा तबाह हो गया है। लोग युद्ध से थक चुके हैं और शांतिपूर्वक रहना चाहते हैं।

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बार-बार कहा है कि इस युद्ध का उद्देश्य हमास को खत्म करना और इस संगठन को एक प्रशासनिक इकाई के रूप में नष्ट करना है। इससे पहले, हमास ने आरोप लगाया था कि इजरायल ने जनवरी के युद्ध विराम समझौते की शर्तों का उल्लंघन किया है, क्योंकि वह युद्ध को समाप्त करने, गाजा से अपने सैनिकों को वापस बुलाने और वार्ता शुरू करने में विफल रहा है।


Spread the love