आज है देव दीपावली हिंदू धर्म का बेहद ही खास त्योहार है, जो मुख्य दिवाली के त्योहार के 15 दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस साल यह पर्व 15 नवंबर 2024 को है।

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पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने तारकासुर के तीन दुर्दान्त पुत्रों तारकाक्ष, कमलाक्ष और विद्युन्माली का वध किया था। इन तीनों को त्रिपुरासुर के नाम से जाना था। के वध किया था। इसलिए कार्तिक पूर्णिमा को ‘त्रिपुरी पूर्णिमा’ भी कहते हैं।

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट

कहते हैं कि जिस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया था, उस दिन सभी देवी-देवताओं ने त्रिपुरासुर के आतंक से मुक्ति पाने की खुशी में देवलोक में दीपमाला उत्सव मनाया था। ऐसा भी माना जाता है कि देवताओं ने इस दिन शिव की नगरी काशी में गंगा के तट पर असंख्य दीये जलाए थे। इसलिए इसे देवताओं की दिवाली यानी ‘देव दीपावली’ भी कहते हैं और तभी से काशी यानी वाराणसी की देव दीपावली सबसे खास मानी जाती है।

पूर्णिमा तिथि और चंद्रोदय का समय

इस बार पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 15 नवंबर 2024 को सुबह 6:19 पर होगी पूर्णिमा तिथि की समाप्ति 16 नवंबर 2024 को सुबह 2:58 पर होगी। कार्तिक पूर्णिमा का गंगा स्नान सुबह 4:58 से लेकर 51 मिनट तक रहेगा, तो वहीं पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय का समय 15 नवंबर को शाम 6:51 पर है।

इसलिए भी महत्वपूर्ण है देव दीपावली

पुराणों के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा दिन दिन श्रीहरि विष्णु ने अपना पहला अवतार ‘मत्स्य अवतार’ लिया था। वहीं, इस दिन गुरु नानक देव का जन्म भी इसी दिन हुआ था, इसलिए इस दिन को गुरु पर्व और प्रकाश पर्व के रूप में भी मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से धन लाभ होता है। सभी देवों सहित मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। देवताओं की कृपा से बिगड़े हुए काम भी बन जाते हैं। आइए जानते हैं, क्या हैं ये खास उपाय?

देव दीपावली पर करें ये खास उपाय

1. कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान श्रीहरि विष्णु को पीले पुष्प और पीली मिठाई अर्पित करें, माता लक्ष्मी को कमल का फूल, गुलाब का फूल या लाल फूल अर्पित करें, साथ खीर का भोग जरूर लगाए। चंद्रमा को अर्घ्य जरूर दें, खीर या सफ़ेद मिठाई का भोग लगाएं, विष्णु जी तुलसी दल अर्पित करें। इस उपाय से ग्रह दोष दूर होते और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

2. मां लक्ष्मी के चरणों में कौड़ी, नारियल, हल्दी गांठ और धनिया रखकर पूजन करने के बाद इन सभी वस्‍तुओं को लाल कपड़े में बांध कर तिज़ोरी में रख देने से धन-संपदा की कमी नहीं होती है।

3. देव दीपावली के दिन 11, 21, 51 या 108 की शुभ संख्या में आटे के दीपक जलाकर नदी में प्रवाहित करें, मान्यता है कि इससे शुभ फल की प्राप्ति होती है।

4. देव दिवाली के दिन तुलसी की 11 पत्तियों को धागे में पिरोकर माला बना लें। इसे भगवान विष्णु को अर्पित करें। मान्यता है कि इससे भगवान विष्णु का प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही जीवन में चल रही परेशानियां दूर होंगी।

5. देव दीपावली के दिन मुख्य द्वार की साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें। वहां तोरण लगाएं, रंगोली बनाएं और गंगाजल में हल्दी मिलाकर छिड़काव करें। शाम में मुख्य द्वार पर घी का दीपक जलाएं। इस उपाय से घर पर मां लक्ष्मी का आगमन होगा और आर्थिक संकट से छुटकारा मिलता है।

6. इस दिन घर और मंदिर में दीये जलाने की परंपरा भी है। यदि आप धन की तंगी और गरीबी से जूझ रहे हैं, तो किसी एक दीप में 7 लौंग डाल दें। कहते हैं कि इससे दरिद्रता घर से कोसों दूर चली जाती है।

7. देव दीपावली पर दीपदान का खास महत्व है। इस दिन देवस्थान पर दीपदान करें। इससे भगवान प्रसन्न होते हैं और जीवन के अंधकार को हर लेते हैं और खुशियों के प्रकाश से भर देते हैं।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट इसकी पुष्टि नहीं करता है।


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