हर शुक्रवार को वैभव लक्ष्मी व्रत  किया जाता है. वैभव लक्ष्मी व्रत धन, ऐश्वरय और वैभव की प्राप्ति के लिए अचूक माना गया है. वैभव लक्ष्मी व्रत से जीवन में स्थिरता आती है.

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  मां लक्ष्मी का घर में वास होता है.

जो लोग आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं उन्हें शुक्रवार को वैभव लक्ष्मी व्रत करने की सलाह दी जाती है. मां लक्ष्मी के इस व्रत के नियम जरुर जान लें तभी पूजा का फल प्राप्त होता है. एक चूक से पुण्य से वंचित रह जाते है.

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लक्ष्मी जी का व्रत रखने के क्या हैं नियम ?

  • वैभव लक्ष्मी का व्रत करने वाले व्यक्ति को तन और मन दोनों से शुद्धता बनाए रखना चाहिए, क्योंकि मां लक्ष्मी की पूजा में साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाता है. इस दौरान सात्विक जीवनशैली का पालन करना चाहिए, साथ ही अपने मन और शरीर को एकदम शांत रखना चाहिए.
  • वैभव लक्ष्मी व्रत में खट्टी चीजें खाना वर्जित है. इससे पूजन सफल नहीं होता. इस दि व्रती को आलस्य का त्याग करना चाहिए, सुबह जल्दी उठें और दोपहर में भी सोएं नहीं.
  • वैभव लक्ष्मी व्रत की पूजा शाम में 4 बजे के बाद की जाती है. हर शुक्रवार को शाम के समय स्नान के पश्चात् शुद्ध और साफ वस्त्र पहनकर घर के पूजा घर में एक चौकी स्थापित करें.
  • श्रीयंत्र के बिना वैभव लक्ष्मी की पूजा अधूरी है. अगर आप श्रीयंत्र नहीं खरीद सकते हैं तो भोजपत्र पर लाल कलम से श्रीयंत्र बनाकर उसके पूजा स्थान पर जरूर रखें. जो महिला इस व्रत को विधि-विधान से करते हैं, उनके घर में हमेशा सुख, संपन्नता बनी रहती है.

वैभव लक्ष्मी व्रत पूजा (Vaibhav Laxmi Vrat Puja vidhi)

  • सुबह स्नान कर साफ, धुले वस्त्र पहनें और व्रत का संकल्प लें. लाल या सफेद रंग के कपड़े पहनना अच्छा होगा. पूरे दिन आप फलाहार करके यह व्रत रख सकते हैं.
  • शुक्रवार को शाम को दोबारा स्नान करने के बाद पूर्व दिशा में चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं. इस पर मां लक्ष्मी की प्रतिमा या मूर्ति और श्रीयंत्र स्थापित करें .
  • वैभव लक्ष्मी की तस्वीर के सामने मुट्ठी भर चावल का ढेर लगाएं और उस पर जल से भरा हुआ तांबे का कलश स्थापित करें. कलश के ऊपर एक कटोरी में चांदी के सिक्के या कोई सोने-चांदी का आभूषण रखें.
  • रोली, मौली, सिंदूर, फूल,चावल की खीर आदि मां लक्ष्मी अर्पित करें. पूजा के बाद वैभव लक्ष्मी कथा का पाठ करें. वैभव लक्ष्मी मंत्र का यथाशक्ति जप करें और अंत में देवी लक्ष्मी की आरती कर दें. शाम को पूजा के बाद अन्न ग्रहण कर सकते हैं.
  • यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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