
यह हलचल अतीत में खलिस्तानी गया आतंकियों के प्रभाव से जुड़ी है। एक अविभाजित उत्तर प्रदेश में अक्टूबर 1991 की घटना को रुद्रपुर अभी भूला नहीं है। भूतबंगला रामलीला मैदान शुरू और इंदिरा चौक स्थित पुराना जिला पर अस्पताल में खालिस्तानी आतंकियों ने बम ब्लास्ट किया था। इसमें 40 थाना लोग मारे गए।


प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
अलर्ट मोड पर है पुलिस
हालांकि समय के साथ रोल अब तराई से खालिस्तान के झंडाबरदारों का सफाया हो चुका है, मगर इंटरनेट मीडिया पर स्थानीय सक्रियता अब भी कहीं न कहीं दिखती है। पीलीभीत मुठभेड़ के बाद तराई की पुलिस अलर्ट मोड पर है।
स्वर्णा, हीरा व घोड़ा नाम के आतंकी का था खौफ
वर्ष 2000 तक उत्तराखंड उत्तर नदूरों प्रदेश का हिस्सा था। पंजाब में आतंकी पुल गतिविधियों के साथ 90 के दशक में शुरू तराई भी आतंकी गढ़ बनने लगा था। नदूरों खालिस्तान नेशनल आर्मी के नाम से तक आतंक फैला रहे लोग यहां जबरन घरों पर पनाह लेते। स्वर्णा, हीरा व घोड़ा नाम और के आतंकियों का यहां खौफ था।
17 अक्टूबर 1991 को बम ब्लास्ट की घटना आंतकियों ने पूरी तैयारी के साथ अंजाम दिया था। रामलीला मैदान और पास में स्थित जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में धमाके हुए थे। इसमें 30 लोग रामलीला मौदान में और 10 से अधिक लोग जिला अस्पताल में विस्फोट में मारे गए।
इस तरह से सामने आ रहे मामले
- 2018 में खटीमा में खालिस्तान के समर्थन में विदेशी वाट्सएप ग्रुप चलाने पर दो युवक गिरफ्तार।
- 2018 में बाजपुर में इंटरनेट मीडिया पर खालिस्तान का समर्थन करने वाला युवक चिह्नित हुआ।
- 2018 में रुद्रपुर में फेसबुक पर खालिस्तान के समर्थन में पोस्ट टैग करने पर बुजुर्ग को पकड़ा गया।
- 2019 में सितारगंज में एक धार्मिक स्थल पर भिंडरवाले के स्वजन के पहुंचने की सूचना वायरल |
- 2021 में खालिस्तान समर्थक पोस्ट को लाइक करने पर काशीपुर और नानकमत्ता में दो लोग पकड़े।
- 2019 में दिनेशपुर में इंटरनेट मीडिया में खालिस्तान समर्थन में पोस्ट टैग करने वाला युवक पकड़ा।
- 2023 में जेल से पैरोल पर छूटे गूलरभोज के जगजीत को एटीएस ने खालिस्तानी गतिविधि में पकड़ा।
