इतिहास गवाह,10% क्षैतिज आरक्षण,उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद का संघर्ष, लंबे संघर्ष एवं सुनियोजित, सकारात्मक वार्ता, के उपरांत राज्य आंदोलनकारी की समस्त मांगों का निस्तारण हो पाया। इतिहास गवाह। Hindustan Global Times,

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इतिहास गवाह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा राज्य आंदोलनकारी के पक्ष में इतिहास में सबसे सटीक घोषणा 1 सितंबर 2021 मै शहीद स्मारक खटीमा से हुई थी।। संघर्ष उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद, द्वारा आयोजित प्रदेश स्तरीय सम्मेलन एवं सम्मान समारोह में 2020,2021, 2022, 2023, राज्य आंदोलनकारी सुरेश परिहार वन विकास राज्य मंत्री, जो की मुख्य अतिथि भी थे lपांच सूत्री ज्ञापन प्रेषित किया गया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सरकार में लेटर प्रेषित किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी त्वरित कार्रवाई करते हुए। 1 सितंबर 2021 को पूर्व में प्रेषित उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद के लेटर को संज्ञान लेते हुए शहीद स्मारक खटीमा से राज्य आंदोलनकारी की समस्त मांगों का निस्तारण जिसमें राज्य आंदोलनकाकारीयो के (१) राज्य आंदोलनकारियो केआश्रितों को वह लाभ दिया जाए जो जीवित राज्य आंदोलनकारी को प्राप्त है।(२) छूते हुए वास्तविक राज्य आंदोलनकारी का चिन्हित कारण/(३) 10% क्षैतिज आरक्षण/(४) मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य लाभ (५) माध्यमिक एवंउच्च शिक्षा में आश्रितों को छूट,

1 सितंबर 2021 को मुख्यमंत्री ने घोषणा की

1 सितंबर 2021 को घोषणा से पूर्व का घटनाक्रम

उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद के अध्यक्ष,अवतार सिंह बिष्ट के द्वारा आमरण अनशन जो की अगस्त 2021 को पुराने सहिद स्मारक में शुरू हुआ। जिसमें मुख्य सहयोगी सुरेश गौरी,अनिल जोशी, नरेश चंद भट्ट, राजेश अरोड़ा, हरीश जोशी, अन्य और साथियों के साथ टेंट गढ़ दिया lआमरण अनशन की घोषणा कर दी गई। क्योंकि पूर्व में ही जिला प्रशासन, उत्तराखंड सरकार को अवगत करा दिया गया था। जिला प्रशासन से अनुमति भी ले ली गई थीl हम भारी दबाव में थे।स्थानीय राज्य आंदोलनकारी का किसी भी तरह का सहयोग नहीं मिल पाया था । क्योंकि सब कुछ अचानक घटित हो रहा था। भारी पुलिस बल के बीच 31 अगस्त को जिला प्रशासन के अथक प्रयासों के उपरांत भी जब बात नहीं बनीl देहरादून उत्तराखंड सरकार ने संज्ञान लिया। सत्ताधारी नेताओं एवं वरिष्ठ अधिकारियों की वार्ता के उपरांत स्थानीय जनप्रतिनिधियों को साथ में लेकर आपसी सहमति बनी। की 31 अगस्त 2021 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से हेलीपैड विश्रामगृह में आपकी आमने-सामने की वार्ता करा दी जाएगी। आप अपनी मांगों को उनके समक्ष रख सकते हैं। इसके बाद भी जब बात नहीं बनी तदोपरांत देहरादून से बड़े स्तर के नौकरशाह सक्रिय भूमिका में आ गए। पूरी तरह से आत्मसात होने के उपरांत भरोसे में लेकर सहमति बनी। हेलीपैड में जो वार्ता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से होगी वह पूरी तरह से सकारात्मक होगी। 31 अगस्त को हेलीपैड में 5 सूत्री ज्ञापन माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को दिया गया ।उन्होंने अपनी सहमति व्यक्ति की, 1 सितंबर 2021 को शहीद स्मारक से घोषणा करने पर भी समिति बनी। मेरा खुद का आमरण अनशन जब तक घोषणा नहीं हुई। जारी रहा। भले ही मैं मुख्यमंत्री से वार्ता के उपरांत आमरण स्थल से उठ चुका था। प्रत्यक्षदर्शी पूरी टीम रही है। 1 सितंबर 2021 को मैं और मेरे राज्य आंदोलनकारी व अन्य साथी के द्वारा पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अंतर्गत शहीद स्मारक में नहीं थे। हमारी अनुपस्थिति में ही घोषणा कर दी गई। ब्रेकिंग समाचार पत्रों में उपरोक्त मांगों के संदर्भ में छप चुका था। किसी मुख्यमंत्री के द्वारा पहली बार खटीमा सहिद स्मारक से राज्य आंदोलनकारी के पक्ष में एक के बाद एक घोषणा की गई ।उन्हें घोषणाओं में 10% आरक्षण का भी जिक्र था वह भी पूरी हुई । इस आंदोलन में मेरे प्रिय साथी सुरेश गौरी, अनिल जोशी, हरीश जोशी, राजेश अरोड़ा, नरेश चंद भट्ट, जानकी गोस्वामी, मुख्यमंत्री वार्ता के समय उपस्थित पूर्व राज्य मंत्री धीरेंद्र प्रताप,एवं वार्ता में जिन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई /खटीमा मंडी समिति अध्यक्ष राज्य आंदोलनकारी नंदन सिंह खड़ायत (मंडी समिति अध्यक्ष किच्छा राज्य आंदोलनकारी कमलेंद्र सेमवाल), (वन विकास राज्य मंत्री राज्य आंदोलनकारी सुरेश परिहार,)(तत्कालीन रुद्रपुर विधायक राजकुमार ठुकराल, जिला प्रशासन एवं उत्तराखंड सरकार के वरिष्ठ अधिकारी व नेतागण, सभी का आभार धन्यवाद।

निवेदक

उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद अध्यक्ष अवतार सिंह बिष्ट।

अध्यक्ष उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद का स्पष्ट मानना है। राज्य आंदोलनकारी की जो मांगे मानी जा रही है। उसमें प्रदेश के अंदर जितने भी संघर्षशील राज्य आंदोलनकारी हैं। भले ही वह किसी भी संगठन के बैनर तले खड़े हो। वह मातृशक्ति जो आज भी संघर्षरत है। उन्हीं सबके सामूहिक प्रयासों से राज्य आंदोलनकारी की समस्त मांगों का निस्तारण हो पाया उपरोक्त लिखी हुई जो बातें हैं ।हमारे द्वारा जो संघर्ष किया गया। उसकी डिटेल्स हमने हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स में लिख दी है। हमारा मकसद किसी भी संगठन को छोटा बड़ा या फिर उसके काम की अनदेखी करना नहीं है। हमारा मकसद केवल यह है। उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद के द्वारा जो कार्य किए गए ।उन कार्यों को प्रत्येक राज्य आंदोलनकारी तक पहुंचना है। अगर आपके द्वारा भी कोई ऐसा कार्य किया गया ।आप भी स्वतंत्र रूप से अपने कार्यों का उल्लेख कर सकते हैं। जैसा उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद ने किया। धन्यवाद ,जय भारत जय उत्तराखंड, निवेदक अवतार सिंह बिष्ट, अध्यक्ष, उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद


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