रूद्रपुर/जसपुर/सितारगंज। जिला न्यायालय सहित काशीपुर, काशीपुर, खटीमा, जसपुर, सितारगंज और बाजपुर में गठित पीठों में 2302 मामलों का निस्तारण किया गया। पिछले साल लोक अदालत में 2139 मामले निस्तारित किए गए थे।शनिवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सचिन कुमार पाठक ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 2881 मामले रेफर किए गए थे। इनमें से 2302 मामलों का निस्तारण किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए जिला न्यायालय में 11, बाह्य न्यायालय काशीपुर में छह, खटीमा में तीन, जसपुर, सितारगंज और बाजपुर में एक-एक पीठ बनाई गई थी। न्यायालयों में लंबित मामलों में आपराधिक शमनीय मामले 383, चेक बाउंस के 275, मोटर एक्सीडेंट क्लेम के 72, पारिवारिक मामलों के 78, ट्रैफिक चालान 1174, विद्युत के 198 मामले और प्रकीर्ण वाद 177 निस्तारित किए गए। वहीं न्यायालय के इतर बैंकों के 301 मामलों का निस्तारण किया गया। इस दौरान कुल पांच करोड़ 40 लाख, 34 हजार 713 रुपये वसूल किए गए।
जिला अस्पताल सहित निजी अस्पतालों में इलाज कराने के लिए मरीज पहुंच रहे हैं। उधर चिकित्सक इलाज के साथ बचाव की सलाह भी दे रहे हैं। शनिवार को जिला अस्पताल में बारिश के बावजूद सर्दी, जुकाम, बुखार से पीड़ित 25 मरीज पहुंचे।
मार्च महीने की शुरूआत में अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच गया था। यही हाल फरवरी के अंतिम सप्ताह में भी रहा। वहीं सुबह से ही तेज धूप के चलते मौसम सामान्य हो गया और रात में तापमान सात से आठ डिग्री कम हो रहा था। तापमान में उतार-चढ़ाव का क्रम जारी रहने से अधिकतर लोग सर्दी, जुकाम और वायरल बुखार की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। चिकित्सक भी लोगों को बचाव की सलाह देते हैं।
Iमौसम में बदलाव के साथ ही दिन और रात के तापमान में काफी अंतर आ रहा है। ऐसे मौसम में लोगों को काफी सतर्कता बरतने की जरूरत है। अगर कोई खांसी, जुकाम, बुखार, सर्दी आदि से पीड़ित है तो तुरंत नजदीकी चिकित्सक से परामर्श लें।
– डाॅ. आरके सिन्हा, प्रमुख अधीक्षक, जिला अस्पताल, रुद्रपुर। I
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बेजुबानों पर भी पड़ रही बदलते मौसम की मार
पार्वो वायरस की चपेट में आ रहे हैं पालतू कुत्ते
रुद्रपुर।
मौसम में हो रहे बदलाव का असर बेजुबानों में भी देखने को मिल रहा है। कुत्तों में पार्वो वायरस नाम की बीमारी तेजी से फैल रही है। समय से इलाज नहीं होने पर कुत्तों की जान जाने का खतरा रहता है। पशु चिकित्सक लोगों को अपने कुत्ते को बीमारी से बचाने के लिए वैक्सीनेशन कराने की सलाह दे रहे हैं। दरअसल पार्वो वायरस कुत्तों के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है। इससे ग्रसित कुत्ता उल्टी दस्त के साथ ही पानी बहुत पीता है। कुत्ते के मुंह से झाग आने के साथ ही छींकता भी है। पशु अस्पताल में तीन से चार केस आ रहे हैं। वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. राजीव सिंह ने बताया कि वैक्सीनेशन कराकर ही कुत्ते को वायरस से बचाया जा सकता है। यह वायरस लावारिस कुत्तों की तुलना में पालतू कुत्तों में ज्यादा फैलता है। कई बार इस रोग की चपेट में आने से कुत्ते की जान चली जाती है। कहा कि कई बार लोग कुत्ते पालते हैं, मगर वैक्सीनेशन नहीं कराते हैं। इसके अलावा कैनाइन डिस्टैंपर की चपेट में भी कुत्ते आ रहे हैं। हालांकि इसके एक से दो केस ही रोजाना अस्पताल में आ रहे हैं। इसकी चपेट में आए कुत्ते को दौरे पड़ते हैं। इसके साथ ही कुत्ते की आंखों से पदार्थ निकलना, बुखा, उल्टी दस्त के साथ ही सांस लेने में परेशानी होती है। इसका प्रभाव अभी कुत्तों में कम हैे।
संक्रमित सिरिंज से नशे के आदी युवाओं एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस) संक्रमण के मामले तो बढ़ ही रहे है, समलैंगिक लोग भी एचआईवी की चपेट में आ रहे हैं। जिले में एमएसएम श्रेणी में इस साल चार नए केस मिले हैं, जो एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में वर्ष 2023-24 में 10968 गर्भवती महिलाओं समेत कुल 20395 लोगों की एचआईवी जांच की गई। इनमें करीब 144 लोग एचआईवी से ग्रसित निकले। इनमें आठ गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं। गर्भवतियों सहित पॉजिटिव पाए गए कुुल 109 लोगों का एआरटी सेंटर में इलाज शुरू हो गया। इस साल जिले में नशे के इंजेक्शन लगाने से 18 युवाओं में एचआईवी संक्रमण की पुष्टि हुई। 2021-22 में 15 और 2022-23 में 14 युवा एचआईवी संक्रमित निकले। विभाग की ओर से एचआईवी जैसी घातक बीमारी से निपटने के लिए एआरटी सेंटरों पर ग्रसित रोगियों का इलाज करने के साथ ही टीआई प्रोजेक्ट के तहत जागरूकता भी फैलाई जा रही है। यह सार्थक भी हो रहा है लेकिन शिक्षा और सुरक्षित यौन संबंधों के बारे में जानकारी का अभाव लोगों में दिखाई दे रहा है।
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इस साल एचआईवी से ग्रसित एक समलैंगिक मरीज बढ़ा
समलैंगिता के मामलों में साल 2021-22 में समलैंगिकता वाले तीन लोग एचआईवी पॉजिटिव आए थे। अगले साल 2022-23 में एक भी मामला नहीं निकला। लेकिन इस बार 2023-24 में चार नए केस मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग अब इसको लेकर भी सतर्क हो गया है। विभाग की ओर से ऐसे पुरुषों को भी जागरूक करने की पहल तेज की गई है। संवाद
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एचआईवी के तीन साल के मामले
साल सामान्य गर्भवती
2021-22- 100 06
2022-23- 114 11
2023-24 136 08
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-2023-24 के एचआईवी ग्रसित लोगों की प्रमुख श्रेणी
-आईडीयू (सिरिंज के जरिये नशा करने युवा)-18
-एफएसडब्ल्यू (फीमेल सेक्स वर्कर)-02
-एएनसी (गर्भवती)-08
-एमएसएम(पुरुषों के बीच यौन संबंध)-04
-माइग्रेंट(बाहर से आने वाले लोग)-02
-ट्रकर (ट्रक चालक)-01
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जिले में एचआईवी संक्रमण की रोकथाम के लिए समय-समय पर कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। एआरटी सेंटर से जोड़कर संक्रमितों का इलाज कराया जा रहा है। युवाओं को भी नशे की लत से दूर रखने के लिए जागरूकता फैलाई जा रही है। सलाह देते हैं कि असुरक्षित यौन संबंध व सिरिंज के घातक नशे से बचें। -डॉ. राजेश आर्या, नोडल अधिकारी, एचआईवी एड्स नियंत्रण कार्यक्रम।