इजरायल पर 9 दिन पहले ईरान ने 200 मिसाइलों (Iran missile attack on Israel) से हमला कर दिया. ज्यादातर मिसाइलों को इजरायल के ड्रोन सिस्टम (Iron Dome System of Iran ) ने मार गिराया लेकिन, कुछ मिसाइलें इजरायल की धरती पर गिरीं.

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इजरायल के हमलों से ईरान हैरान परेशान हुआ

इजरायल और ईरान के बीच तनाव चरम पर है और अब दुनिया के कई देश सीधे और परोक्ष रूप से इससे जुड़ते जा रहे हैं. इजरायल ने जिस प्रकार ने हिजबुल्लाह के चीफ को लेबनान में एक धमाके में मार गिराया और इससे पहले ईरान में हमास प्रमुख को जिस तरह से मौत के घाट उतारा था उसके बाद से ईरान के प्रमुख नेता सैयद अली हुसैनी खमनेई किसी अज्ञात स्थान पर चले गए थे. लेबनान में हिजबुल्लाह के लड़ाकों पर पहले पेजर से धमाका और फिर वॉकी टॉकी से हमले के बाद से खमनेई को छिपना पड़ा था. इसके बाद से पिछले शुक्रवार को खमनेई सार्वजनिक मंच पर दिखाई दिए. इस मंच से खमनेई ने लोगों को संबोधित किया.

गायब होने के बाद शुक्रवार को सामने आए खमनेई

खमनेई के पब्लिक के बीच आने के बाद सवाल उठने कि अब सुरक्षा के ऐसे कौन से इंतजाम हो गए कि खमनेई को पब्लिक मंच पर देखा गया. इसका जवाब मौके से आई कई तस्वीरों में मिल रहा है. खमनेई के संबोधन के स्थल से आई तस्वीरों में कुछ ऐसे हथियार दिख रहे हैं जिससे किसी भी मिसाइल को मार गिराया जा सकता है. इस हथियार को चीन का हथियार बताया जा रहा है. कहा जा रहा है कि चीन का यह हथियार लेजर गाइडेड है और आकाश से जमीन पर आ रही किसी भी मिसाइल या ड्रोन को मार गिराया जा सकता है.

चीन का लेजर गाइडेड डिफेंस सिस्टम ईरान में

यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार पीएलए पर नजर रखने वाले एक व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “यह शेन नुंग 3000 जैसा दिखता है. लेकिन कौन जानता है, यह एक अलग डिज़ाइन हो सकता है. एंटी-ड्रोन लेजर सिस्टम बहुत आम हैं, और पीआरसी निर्माताओं द्वारा उस श्रेणी में संभवतः बहुत सारे उत्पाद पेश किए जाते हैं. यह भी संभव है कि यह चीनी उत्पाद नहीं बल्कि घरेलू ईरानी उत्पाद हो.”

कुछ जानकारों का कहना है कि ईरान में देखी गई अज्ञात प्रणाली को सर्वोच्च नेता को इज़राइल द्वारा संभावित लक्षित हत्या के प्रयास से बचाने के लिए तैनात किया गया था. हालांकि ईरान ने छोटे और सस्ते कामिकेज़ ड्रोन के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक होने की प्रतिष्ठा हासिल की है, लेकिन यह एकतरफा हमले वाले ड्रोन के खतरे से पूरी तरह से रक्षा करने को तैयार नहीं है.

सवाल यह भी उठ रहा है कि ईरान के पास यह हथियार कब आया. क्या इजरायल पर ईरान के हमले से पहले ही तेहरान ने यह तैयारी कर ली थी या फिर काफी पहले ईरान ने यह तकनीक हासिल कर ली थी.

कहा तो यह भी जा रहा है कि ड्रोन और मिसाइलों को रोकने से जुड़े बड़े खर्चों के कारण वर्तमान युद्ध में लेजर-आधारित प्रणालियों पर ध्यान केंद्रित किया गया है. ऐसे में ईरान ने अपनी वायु रक्षा क्षमता को बढ़ाने के लिए स्थानीय स्तर पर चीनी प्रणाली का क्लोन तैयार कर लिया होया चीनी एंटी-ड्रोन प्रणाली को रिवर्स-इंजीनियर किया है.

जानकारी के लिए बता दें कि लेजर का प्रयोग ज्यादा खर्चीला नहीं होता है और इससे नुकसान को भी सीमित किया जा सकता है. गौरतलब है कि चीन और ईरान के बीच काफी नजदीकी रही है. ईरान के अमेरिका और इजरायल से संबंध वर्षों से तनावपूर्ण रहे हैं. ऐसे में ईरान और चीन करीब आ गए हैं क्योंकि चीन और अमेरिका के संबंध भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छे नहीं हैं.

इधर, ईरान और चीन के बीच कई समझौते हुए हैं. खास बात यह है कि चीन ने इजरायल पर ईरान के हमले की निंदा नहीं की है. चीन की ओर से केवल यही बयान आया है कि वह इलाके में तनाव पर चिंता व्यक्त की है.

वहीं, चीन के विदेश मंत्रालय ने इस हमले को “गाजा संघर्ष का नया परिणाम” बताया था. इसने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, विशेष रूप से प्रभाव वाले देशों से क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए रचनात्मक भूमिका निभाने का आग्रह किया. चीन ने संबंधित पक्षों से आगे की स्थिति को रोकने के लिए शांति और संयम बरतने का भी आह्वान भी किया था.

अकसर इस प्रकार की खबरें आती रही हैं कि चीन ने ईरान को कई प्रकार को हथियार सप्लाई किए हैं लेकिन पुख्ता तौर पर कुछ भी कहा नहीं जा सकता है.

लेकिन, चीन के हथियार यदि ईरान के पास हैं तो यह स्थिति को और गंभीर करता है क्योंकि ईरान पर कई प्रकार के प्रतिबंध लगे हैं. ऐसे में चीन के ईरान के बढ़ते संबंध अमेरिका और इजरायल के लिए अच्छी खबर नहीं है.


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