
लेकिन शनिवार रात को पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सूरत से उस मौलवी को गिरफ्तार कर लिया और अब उससे पूछताछ की जा रही है।


पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार हुए मौलवी का नाम सोहेल अबुबक्र तिमोल है जो एक धागा फैक्ट्री में काम करता है। इसके अलावा वो बच्चों को इस्लाम की शिक्षा देने का काम भी कर रहा है। लेकिन उसकी असल साजिश बड़ी है, वो पाकिस्तान-नेपाल के साथ मिलकर भारत में हिंदू नेताओं को निशाने पर लेने की तैयारी कर रहा था। हिंदू सनातन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपदेश राणा की हत्या की साजिश भी उसने ही रची थी।
जानकारी ये भी मिली है कि मौलवी के फोन में कई ऐसे नंबर मौजूद थे जिनका सीधा कनेक्शन पाकिस्तान और नेपाल से था। नियमित रूप से उन नंबर्स पर बात की जा रही थी, वहां से आदेश मिल रहे थे और उसी आधार पर यहां हमला करने की साजिश थी। कुछ चैट्स भी सामने आई हैं जहां पर खुल तौर वो कई मीडिया चैनल के संपादकों को धमकी देने का काम कर रहा है। कई बड़े हिंदू नेताओं को लेकर भी उसके फोन में आपत्तिजनक बयान मिले हैं।
अब ये कार्रवाई मायने रखती है क्योंकि चुनावी मौसम में मोदी सरकार ने पहले ही ध्रुवीकरण की राजनीति को हवा दे रखी है। कांग्रेस के मेनिफेस्टो के जरिए एक वर्ग को अपने पाले में करने की पूरी कोशिश हो रही है। उस बीच मौलवी की गिरफ्तारी जमीन पर कुछ समीकरणों को और ज्यादा बिगाड़ने का काम कर सकती है। अभी तक किसी भी दल ने इस एक्शन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन माना जा रहा है कि राजनीति में आने वाले दिनों में ये भी एक बड़ा मुद्दा बन जाएगा।

