उत्तराखंड के वन निगम से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। इस मामले के उजागर होते ही मंत्री जी सफाई देते घूम रहे हैं। अफसरों की नींद उड़ गई है। राज्य के वन विकास निगम ने एक अरब रुपये का इनकम टैक्स भरा है।

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इतने पैसे तो उसके पास जिंदगी में कभी आए भी नहीं। यह पूरा मामला उत्तर प्रदेश से जुड़ा हुआ है। मामले का खुलासा होते ही सरकार के सभी विभागों में हड़कंप मच गया है। राज्य के वित्त मंत्रालय भी हैरान है। अफसरों की इतनी भारी गलती पर अब तक किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है।

1 अरब रुपये का इनकम टैक्स भरने के बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की जीप भी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विभाग के चक्कर काट रही है। इस अनोखे मामले से मंत्री जी भी हैरान हैं। मंत्री जी को भी नहीं समझ में आ रहा है कि आखिर ऐसे कैसे हो सकता है। लेकिन उत्तराखंड के अफसर है, वो ये कारनामा भी कर गए।

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर

जानिए क्या है पूरा मामला

दरअसल, इस पूरे मामले को समझने के लिए उत्तराखंड के स्थापना से समझना होगा। उत्तराखंड राज्य को साल 2000 में उत्तर प्रदेश से अलग करके बनाया गया था। उत्तर प्रदेश के इस बंटवारे में कुछ लेन देन भी करना होता है। ऐसे ही उत्तर प्रदेश में वन निगम है। इसी तर्ज पर उत्तराखंड में वन विकास निगम बनाया गया है। फिर 20 साल बाद उत्तर प्रदेश के वन निगम और उत्तराखंड के वन विकास निगम के बीच एक समझौता हुआ। इस समझौते के तहत उत्तराखंड के वन विकास निगम को करीब 100 करोड़ रुपये मिलना था। वहीं उत्तराखंड के राज्य बनने के बाद से ही इस विभाग को यूपी से पैसे नहीं मिले थे। लिहाजा इसमें ब्याज भी जुड़ती चली गई। समझौते के तहत ब्याज सहित ये रकम 560 करोड़ रुपये पहुंच गई।

उत्तराखंड को नहीं मिले रुपये, भर दिया इनकम टैक्स

उत्तराखंड को अभी तक 560 करोड़ रुपये नहीं मिले हैं। इस बीच इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उत्तर प्रदेश के वन विभाग में पहुंच गया और 560 करोड़ रुपये की पूछताछ शुरू कर दी। उत्तर प्रदेश ने अपना पल्ला झाड़ लिया और कह दिया कि ये रकम उत्तराखंड की है। बस फिर इसके बाद इनकम टैक्स की जीप उत्तराखंड मुड़ गई। उत्तराखंड के देहरादून में इनकम टैक्स की जीप देखते ही वन विभाग के अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए। इनकम टैक्स ने वन विभाग से टैक्स मांग। टैक्स नहीं देने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने वन विभाग का एसबीआई का खाता सीज कर दिया। इससे विभाग के अफसरों ने फौरन 1 अरब रुपये टैक्स भर दिया।

ऐसे हुआ मामले का खुलासा

यह मामला जब वित्त मंत्रालय की चौखट पर पहुंचा तो वित्त मंत्री जी के भी होश उड़ गए। वित्त मंत्री पुनर्गठन विभाग के भी मंत्री हैं। जब वो पुर्नगठन विभाग की समीक्षा कर रहे थे। तब इस मामले का खुलासा हुआ। फिलहाल मंत्री जी अफसरों को जमकर फटकार लगाई।

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