देहरादून में नौकरी के नाम पर लोगों को ठगने वाला एक शातिर अभियुक्त आखिरकार दून पुलिस के हत्थे चढ़ गया। यह व्यक्ति लंबे समय से विधानसभा और सचिवालय में नौकरी दिलाने का झांसा देकर लोगों से लाखों रुपये ऐंठ रहा था।

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पुलिस ने इस धोखाधड़ी के मामले में वांछित विनय भट्ट को पटेलनगर क्षेत्र से गिरफ्तार किया।

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

विनय ने अपनी साथी रविकांता शर्मा के साथ मिलकर कई लोगों को फर्जी नियुक्ति पत्र थमाए और उनसे मोटी रकम वसूल की। इस ठगी के खेल में उसने सचिवालय और विधानसभा में रक्षक के पद का लालच देकर लोगों का भरोसा जीता और फिर उन्हें धोखा दिया।

पुलिस के मुताबिक, विनय भट्ट के खिलाफ पहले से ही धोखाधड़ी के छह मामले दर्ज हैं, जो उसकी अपराधिक प्रवृत्ति को साफ दर्शाते हैं। उसकी साथी रविकांता शर्मा को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। यह कार्रवाई नेहरू कॉलोनी थाने की टीम ने की, जिसे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून के निर्देश पर इनामी और वांछित अपराधियों को पकड़ने के लिए गठित किया गया था। विनय भट्ट पिछले कुछ समय से फरार चल रहा था, लेकिन पुलिस ने मुखबिरों और सर्विलांस की मदद से उसे 18 मार्च 2025 को धर दबोचा।

इस मामले की शुरुआत तब हुई जब उम्मेद सिंह चौहान ने विनय और रविकांता के खिलाफ शिकायत दर्ज की। उम्मेद सिंह ने बताया कि विनय ने उनकी पत्नी सोनल भट्ट को विधानसभा में नौकरी का झूठा वादा किया और फर्जी नियुक्ति पत्र दिखाकर 6 लाख रुपये ठग लिए। इस रकम में से ढाई लाख रुपये विनय के खाते में और साढ़े तीन लाख रुपये रविकांता के खाते में ट्रांसफर हुए।

पुलिस ने इस धोखाधड़ी के मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए अब विनय को भी सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। देहरादून के अलावा अन्य जिलों में भी इनके खिलाफ ठगी के मामले दर्ज हैं, जिससे इनकी गहरी साजिश का पता चलता है।


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