शैल सांस्कृतिक समिति शैल परिषद सदस्यों द्वारा अपने ईष्ट देव को सबसे पहले हरेला चढ़ाने के उपरांत। पूजा अर्चना कर घर-परिवार की खुशहाली, जानवरों की रक्षा, सम्पन्नता की कामना की,तदोपरांत परिषद के सदस्यों द्वारा शैल भवन में निर्माणधीन गुल्जु देवता मंदिर पर पौधारोपण कार्यक्रम किया गया।

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जी रये जागि रये, यो दिन-बार भेटनै रये। धरती जस अगाव, आकाश जस चकव होये, सियक जस तराण, स्यावे जसि बुद्धि हो। दूब जस पंगुरिये। हिमालय में ह्यो, गंगा में पाणी रौन तक बचि रये..। इसी आशीर्वचन के साथ शैल सांस्कृतिक समिति एवं कुमाऊं भर के घरों में हरेला पूजन किया गया।

rudrpur शैल सांस्कृतिक समिति (शैल परिषद ) संरक्षक श्री भारत लाल शाह ,अध्यक्ष गोपाल सिंह पटवाल, महामंत्री दिवाकर पांडे ,कोषाध्यक्ष डीo के oदनाई, धीरज पांडे ,मोहन सिंह बिष्ट,राजेंद्र बोरा, दिनेश बम, मोहन उपाध्याय, हरीश मिश्रा, किशन मिश्रा,दिनेश भट्ट,किशोर भट्ट,राजपाल रावत,राजेंद्र कुमार पांडे,कीर्ति निधि शर्मा, हरीश दनाई ,मनोज शर्मा,डी एस मेहरा ,महेश कांडपाल, जगदीश बिष्ट, राजेंद्र बलौदी, संजीव बुधौरी , त्रिलोक पनेरु,गगन काण्डपाल , नरेन्द्र रावत, आदि की उपस्थिति रही।

निर्माणाधीन गोलजू मंदिर

गोलू देवता को स्थानीय संस्कृति में सबसे बड़े और त्वरित न्याय के देवता के तौर पर पूजा जाता है। गोलू मंदिर में भक्त मन्नत मांगने के लिए चिट्ठी लिखते हैं। इतना ही नहीं कई लोग तो स्टांप पेपर पर लिखकर अपने लिए न्याय मांगते हैं। न्याय के देवता कुछ दिनों के बाद निर्माणधीन मंदिर में पूरे विधि विधान से स्थापित होंगे। स्थानीय लोग चितई गोलू देवता की तर्ज पर इस मंदिर में भी अपनी पर्चियां लगाएंगे व मनोकामना पूर्ण होने पर घंटी चढ़ाने लगेगे।

हिंदुस्तान Global Times/। प्रिंट मीडिया: शैल Global Times /Avtar Singh Bisht ,रुद्रपुर, उत्तराखंड


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