शैल सांस्कृतिक समिति द्वारा आयोजित तीन दिवसीय गोलू महाराज की मूर्ति एवं मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के उपरांत आज प्रातःज्योतिषाचार्य पंडित प्रदीप नैनवाल, पंडित गोपाल मेलकानी, पंडित गणेश जोशी द्वारा देव स्नान पूजा पाठ हवन एवं आरती के बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें परिषद से जुड़े हुए एवं स्थानीय भक्त जनों ने गोलू महाराज का आशीर्वाद लिया। आज के कार्यक्रम में मुख्य रूप से नैनीताल उधम सिंह नगर सांसद अजय भट्ट,रुद्रपुर विधायक शिव अरोड़ा, पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल, पूर्व पालिका अध्यक्ष मीना शर्मा अनिल शर्मा, अरुण दत्ता अनिल चौहान, निवर्तमान मेयर रामपाल सिंह, पूर्व राज्य मंत्री सुरेश परिहार, प्रदेश मंत्री विकास शर्मा, घनश्याम श्यामपुरिया ,लकी खरबंदा, राम प्रकाश गुप्ता,शैल सांस्कृतिक समिति रूद्रपुर के अध्यक्ष श्री गोपाल सिंह पटवाल, महामंत्री श्री दिवाकर पांडे, पूर्व राज्य मंत्री सुरेश परिहार, कोषाध्यक्ष डी0के0 दनाई, राजेंद्र बोरा, दिनेश बम, हरीश दनाई, धीरज पांडे,मोहन उपाध्याय,दिनेश चंद्र भट्ट, कीर्ति निधि शर्मा, जगदीश बिष्ट, भारत जोशी,गगन कांडपाल,राजेंद्र बोरा, दिनेश बम , सतीश लोहनी ,मोहन चंद्र उपाध्याय , संजीव बुधोरी,सतीश ध्यानी, त्रिभुवन जोशी , के के मिश्रा, हरिशचंद्र मिश्रा,श्रीमती सुधा पटवाल, श्रीमती विनीत पांडे, शालिनी बोहरा ,श्रीमती सुनीता नेगी, श्रीमती भगवती, श्रीमती आशा लोहनी, श्रीमती भगवती मेहरा, श्रीमती सुनीता पांडे, श्रीमती बीना लखेड़ा, श्रीमती सुधा जोशी, श्रीमती लीला दनाई , श्रीमती चंद्र बम श्रीमती चंद्रा बम,श्रीमती प्रेमचंद्र, श्रीमती किरण बोहरा, श्रीमती विनिता लखेडा, श्रीमती राधा बिष्ट, श्रीमती भावना बलोदी, कांति भाकुनी आदि लोगों को उपस्थित थे।

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ऊधम सिंह नगर नैनीताल सांसद अजय भट्ट, रूद्रपुर विधायक शिव अरोरा द्वारा मंदिर निर्माण के लिए पूर्व में 10-10 लाख रुपये दिये थे, लोकार्पण किया।
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, हर कुल का अपना एक आराध्य देवता या देवी होती हैं, जिन्हें कुल देवता या कुलदेवी के रूप में जाना जाता है। यह उस कुल के संरक्षक भी माने जाते हैं।

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट,

ऐसे में आज हम आपको उत्तराखंड में मौजूद एक ऐसे कुल देवता के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें लेकर ये मान्यता प्रसिद्ध है कि इस देवता के मंदिर में चिट्ठी लिखने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। चलिए जानते हैं

उत्तराखंड को देवभूमि कहा गया है, क्योंकि यहां की धरती पर भूमि देवी-देवताओं का वास है। उत्तराखंड में एक नहीं, बल्कि गोलू देवता के कई मंदिर स्थापित हैं। लेकिन हम बात कर रहे हैं । शैल सांस्कृतिक समिति द्वारा नवनिर्मित मंदिर जो की गंगापुर रोड स्थित मोदी मैदान के सामने प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत भक्त प्रेमियों के लिए के लिए खोल दिया गया है।

गोलज्यु मंदिर में मनोकामना पूरी होने के बाद घंटी चढ़ाए जाने के परम्परा है। इसी के साथ अपनी मन्नत को पूरा करने के लिए गोलू देवता को पत्र या चिठ्ठी भी लिखी जाती है। कई लोग स्टांप पेपर पर भी अपनी मनोकामना लिखकर भेजते हैं। चिट्ठी लिखने की परंपरा रुद्रपुर में भी शुरू हो चुकी है। गोलज्यु मंदिर की मान्यता कितनी अधिक है, आज रुद्रपुर गोलज्यु मंदिर में सप्तमी अष्टमी को भक्तजनों की लाइन लगी रही।


गोलू देवता की मूर्ति की बात करें, तो इनकी मूर्ति सफेद रंग की है और वह घोड़े पर सवार हैं। मूर्ति में देवता को पगड़ी बांधे दर्शाया गया है और उन्होंने हाथ में तलवार (धनुष बाण) धारण किया हुआ है। न्याय के देवता के साथ-साथ उन्हें कुमाऊं के राजा भी कहा जाता है। अगर आप भी रहते हैं तराई क्षेत्र में एक बार गोलू महाराज के दर्शन करने अवश्य आए।


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