ऊधम सिंह नगर नैनीताल सांसद अजय भट्ट, रूद्रपुर विधायक शिव अरोरा द्वारा मंदिर निर्माण के लिए पूर्व में 10-10 लाख रुपये दिये थे, लोकार्पण किया।
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, हर कुल का अपना एक आराध्य देवता या देवी होती हैं, जिन्हें कुल देवता या कुलदेवी के रूप में जाना जाता है। यह उस कुल के संरक्षक भी माने जाते हैं।
हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट,
ऐसे में आज हम आपको उत्तराखंड में मौजूद एक ऐसे कुल देवता के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें लेकर ये मान्यता प्रसिद्ध है कि इस देवता के मंदिर में चिट्ठी लिखने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। चलिए जानते हैं
उत्तराखंड को देवभूमि कहा गया है, क्योंकि यहां की धरती पर भूमि देवी-देवताओं का वास है। उत्तराखंड में एक नहीं, बल्कि गोलू देवता के कई मंदिर स्थापित हैं। लेकिन हम बात कर रहे हैं । शैल सांस्कृतिक समिति द्वारा नवनिर्मित मंदिर जो की गंगापुर रोड स्थित मोदी मैदान के सामने प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत भक्त प्रेमियों के लिए के लिए खोल दिया गया है।
गोलज्यु मंदिर में मनोकामना पूरी होने के बाद घंटी चढ़ाए जाने के परम्परा है। इसी के साथ अपनी मन्नत को पूरा करने के लिए गोलू देवता को पत्र या चिठ्ठी भी लिखी जाती है। कई लोग स्टांप पेपर पर भी अपनी मनोकामना लिखकर भेजते हैं। चिट्ठी लिखने की परंपरा रुद्रपुर में भी शुरू हो चुकी है। गोलज्यु मंदिर की मान्यता कितनी अधिक है, आज रुद्रपुर गोलज्यु मंदिर में सप्तमी अष्टमी को भक्तजनों की लाइन लगी रही।
गोलू देवता की मूर्ति की बात करें, तो इनकी मूर्ति सफेद रंग की है और वह घोड़े पर सवार हैं। मूर्ति में देवता को पगड़ी बांधे दर्शाया गया है और उन्होंने हाथ में तलवार (धनुष बाण) धारण किया हुआ है। न्याय के देवता के साथ-साथ उन्हें कुमाऊं के राजा भी कहा जाता है। अगर आप भी रहते हैं तराई क्षेत्र में एक बार गोलू महाराज के दर्शन करने अवश्य आए।