उत्तराखंड में संपन्न हुए राष्ट्रीय खेलों में राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले सभी खिलाडिय़ों को आउट आफ टर्न नौकरी नहीं मिल पाएगी। बशर्ते सरकार इसके लिए अलग से व्यवस्था न करे।

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कारण यह कि आउट आफ टर्न नियुक्ति के लिए जारी शासनादेश में यह स्पष्ट है कि केवल उत्तराखंड के मूल अथवा स्थायी निवासियों को ही राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक जीतने पर आउट आफ टर्न नौकरी दी जाएगी।

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

यद्यपि, उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करने वाले सभी खिलाडिय़ों को घोषित पुरस्कार धनराशि अवश्य दी जाएगी। इसके लिए खेल विभाग ने शासन से 16 करोड़ के बजट की मांग की है। उत्तराखंड ने फरवरी में संपन्न हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों में शानदार प्रदर्शन किया था।

सातवें स्थान पर रहा उत्तराखंड

उत्तराखंड ने इन खेलों में 22 स्पर्धाओं में 24 स्वर्ण पदक समेत कुल 103 पदक अपने नाम किए और तालिका में सातवें स्थान पर रहा। यह उत्तराखंड का राष्ट्रीय खेलों में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय खेलों से पहले पदक जीतने वाले सभी खिलाडिय़ों के लिए पदक जीतने पर निर्धारित से दोगुना नकद पुरस्कार देने की घोषणा की थी। साथ ही आउट आफ टर्न नौकरी देने की बात भी कही गई थी।

खेलों में टीम व व्यक्तिगत स्पर्धाओं को मिलाकर 196 खिलाडिय़ों ने पदक जीते। इन खिलाडिय़ों में कई ऐसे भी हैं जो दूसरे राज्यों से हैं लेकिन खेलों में उन्होंने उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करते हुए पदक जीते। ऐसे में यह माना जा रहा था कि सरकार की घोषणा के अनुसार सभी को नौकरी और नकद पुरस्कार दिया जाएगा। इस संबंध में जब खेल विभाग ने शासनादेशों का अध्ययन किया तो यह पाया कि आउट आफ टर्न नौकरी केवल राज्य के मूल अथवा स्थायी निवासियों को ही दी जा सकती है।

ऐेसे में अब इस दिशा में आगे कसरत चल रही है।तीन विभागों के लिए मांगे 300 अतिरिक्त पदशासनादेश के अनुसार सात विभागों में आउट आफ टर्न नौकरी दिए जाने की व्यवस्था की गई है। यद्यपि खेल विभाग ने शासन को जो प्रस्ताव दिया है, उसमें केवल पुलिस, खेल व युवा कल्याण विभाग में 300 अतिरिक्त पदों के सृजन करने का अनुरोध किया है।

कारण यह कि पूर्व में जिन खिलाडिय़ों को अन्य विभागों में आउट आफ टर्न नौकरी मिली है, वहां उन्हें खेलने का मौका नहीं मिल पा रहा है। विभाग उनसे उनके पदों के सापेक्ष कार्य ले रहे हैं। यह बात खेल विभाग तक भी पहुंची। इसे देखते हुए अब खिलाडिय़ों के बेहतर भविष्य के दृष्टिगत केवल इन्हीं तीन विभागों में पद सृजित करने का प्रस्ताव भेजा गया है।

खेल मंत्री रेखा आर्या।

राष्ट्रीय खेलों में सभी पदक विजेताओं को पहले चरण में नकद पुरस्कार दिया जाएगा। इसके लिए शासन से बजट की मांग की गई है। बजट स्वीकृत होने के बाद विजेता खिलाडिय़ों के सम्मान में कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। -रेखा आर्या, खेल मंत्री।


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