उत्तराखंड विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गैरसैंण का मुद्दा उठाकर सरकार को घेरने की कोशिश की है। इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य से भी उनकी चर्चा हुई।

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उन्होंने सदन में गैरसैंण का मुद्दा जोर-शोर से उठाने की सलाह दी है।

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

गैरसैंण के मुद्दे पर सदन के बाहर हमेशा की तरह इस बार भी पूर्व सीएम हरीश रावत ने मोर्चा संभाल लिया है। बजट सत्र गैरसैंण के बजाय देहरादून में कराने पर उन्होंने अपने अंदाज में सरकार को घेरा है।

पूर्व सीएम रावत के अनुसार, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अफसरों को आदेश दिए हैं कि पूरे सत्र में गैरसैंण शब्द न सुनाई दे। उन्होंने कहा कि यह खबर सत्ता के सूत्रों से ही आई है, जो बड़ी दिलचस्प है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने सलाहकारों, सहयोगियों और प्रशासन के उच्च अधिकारियों से कहा है कि किसी भी कीमत पर वर्तमान बजट सत्र में कहीं भी गैरसैंण शब्द का उच्चारण नहीं होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सरकार भले ही गैरसैंण से दूर भागना चाहती है, लेकिन तमाम दूसरे राजनीतिक दल इससे दूर नहीं भाग सकते हैं। हरीश ने चुटकी लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने विधानसभा में गैरसैंण शब्द आने की स्थिति में अधिकारियों से कहा है कि विधानसभा में ठंड ज्यादा बढ़ सकती है, सरकार को ठंड न लगे, इसलिए पूरे परिसर के एसी बंद कर दिये जाएं। हो सकता है बजट प्रस्तुत करते समय वित्तमंत्री कंबल ओढ़े हुए नजर आएं।


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