चमोली की जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी रावत को उत्तराखंड सरकार ने बर्खास्त कर दिया है. रजनी रावत विधायक राजेंद्र भंडारी की पत्नी हैं. राजेंद्र भंडारी कांग्रेस से बद्रीनाथ के विधायक हैं.चमोली की जिला पंचायत अध्यक्ष को सरकार ने किया बर्खास्त, विधायक पति ने BJP पर लगाए गंभीर आरोप

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हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /प्रिंट न्यूज़ शैल ग्लोबल टाइम्स। अवतार सिंह बिष्ट, रूद्रपुर उत्तराखंड। (उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी)

उन्होंने अपनी पत्नी को बर्खास्त करने को लेकर राज्य सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाया है. साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी उनको प्रताड़ित करना चाहती है.

वहीं भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि पार्टी और उसकी सरकार हमेशा से भ्रष्टाचारियों के खिलाफ काम करती आई है. ये कोई बदले की भावना से की गई कार्रवाई नहीं है. ये भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई है और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ बीजेपी सरकार हमेशा से कार्यवाही करती आई है और आगे भी करती रहेगी.

कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने इसे भारतीय जनता पार्टी का अजीब फैसला बताया है. उनका कहना है कि हम अपनी पार्टी के नेता के साथ खड़े हैं. भारतीय जनता पार्टी बदले की भावना से कार्यवाही कर रही है. दरअसल, चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी के खिलाफ उत्तराखंड सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष के पद से हटा दिया है. इसके लिए पंचायतीराज सचिव हरिचंद सेमवाल ने आदेश जारी किया है.

“चुनावी हार का बदलने लेनेके लिए की कार्रवाई”

सरकार के इस आदेश पर रजनी भंडारी के पति और बद्रीनाथ से विधायक राजेंद्र भंडारी ने आपत्ति जताते हुए कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है. उन्होंने कहा कि सत्ता की ताकत के बल पर सरकार ने यह फैसला किया है. उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को मैंने चुनाव में हराया है और इसी का वह सत्ता की ताकत के जरिए बदला ले रहे हैं. राजेंद्र भंडारी ने सख्त लहजे में यह भी कहा है कि समय सबका बदलता है आज उनकी सत्ता है.

बीजेपी ने किया पलटवार

राजेंद्र भंडारी के इस आरोप पर बीजेपी के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने आपत्ति जताते हुए कहा कि सरकार ने सत्ता का दुरुपयोग नहीं किया है. पूरी जांच हुई है और जांच में भ्रष्टाचार की पुष्टि हुई है. उन्होंने कहा कि जिसके खिलाफ कार्रवाई होती है वह बौखलाकर अनर्गल बयानबाजी करता ही है. उन्होंने कहा कि धामी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत काम कर रही है और भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

बता दें कि रजनी भंडारी पर 2012-13 में आयोजित नंदा राजजात के निर्माण कार्य के टेंडर में गड़बड़ियों का आरोप है. हालांकि शासन ने रजनी भंडारी को पिछले साल भी इन्हीं आरोपों के आधार पर पद से हटाया था, लेकिन कोर्ट से बहाली के आदेश के बाद रजनी भंडारी अपने पद पर बनी रहीं. अब इस मामले में राजेंद्र भंडारी ने कहा है कि वह कानूनी राय लेने के बाद आगे की कार्रवाई करेंगे.

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हालांकि नैनीताल हाई कोर्ट ने फरवरी में इस आदेश पर रोक लगाई थी, लेकिन दोषमुक्त नहीं किया था। इस तकनीकी आपत्ति को दूर करते हुए शासन के निर्देश पर मंडलायुक्त ने आरोपित श्रीमती भंडारी को जुलाई और अगस्त में दो बार अपने पक्ष में तथ्य रखने का मौका दिया था। उनके पक्ष को अनंतिम रूप से सुनने के बाद भी इस पूरे प्रकरण में गंभीर अनियमितताओं की पुष्टि हुई है। यही वजह है कि पंचायती राज नियमावली का पालन करते हुए कमिश्नर की जांच रिपोर्ट के आधार पर चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष को हटाया गया है।

मनवीर ने कांग्रेस के आरोपों को बेबुनियाद और भ्रष्टाचार को संरक्षण देने वाला बताते हुए कटाक्ष किया कि उनके नेता ऐसे गलत काम ही क्यों करते हैं कि हटाने की नौबत आये।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में भाजपा सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। जिसके तहत किसी भी तरह के गड़बड़ी घोटालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होना तय है।

एक के बाद एक भ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेसियों के मामले ही सामने आते हैं क्योंकि वह भ्रष्टाचार को प्रश्रय देने में अग्रणी है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को अपने नेताओं से उनकी संलिप्तता को लेकर सवाल पूछना चाहिए। जनता ने भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड के लिए भाजपा को वोट दिया था और हमारी सरकार इसी संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है।

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