सीएम ने कहा कि यह उत्तराखंड के लिए गर्व का विषय है कि काफल के सम्पूर्ण पौष्टिक गुणों को समेटते हुए उत्तराखंड की वास्तविकता को काफल वेब सीरिज में दर्शाया जा रहा है।
धामी ने कहा कि सिनेमा समाज का दर्पण होता हैं जो उस क्षेत्र विशेष की समस्त गतिविधियों को फिल्म के जरिए आम जन के सम्मुख रखता है। उत्तराखंड अपनी नासर्गिक सुंदरता, हिमालय पर्वत, नदियों से आच्छादित है उसी तरह यह वेबसीरीज अपने नाम के समान पहाड़ की भौगोलिक, सामाजिक, आधुनिक और सांस्कृतिक समरसता को समेटे हुए है।
उन्होंने फिल्म निर्माताओं से उत्तराखंड की हसीन वादियों में आकर प्राकृतिक वातावरण का भरपूर लाभ उठाने के साथ ही फिल्म बनने की अपील की। कहा की हाल ही में सरकार को बेस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट का अवार्ड मिला है। सरकार द्वारा ऑनलाइन अनुमति की व्यवस्था की गई है। इस दिशा में सरकार पूर्ण प्रयासरत है कि किस प्रकार से पॉलिसी को और अधिक बेहतर बनाया जाए।
इसके लिए सरकार अन्य राज्यों की फिल्म पॉलिसी का भी अध्ययन कर अधिक बेहतर बनाने की दिशा में कार्यरत और प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने कुमाऊंनी, गढवाली एवं जौनसारी फिल्मों, वैबसीरीज आदि के लिए 50 प्रतिशत सबसीडी स्वीकृत कर दी है। इससे स्थानीय कला एवं संस्कृति को बढावा मिलेगा साथ ही अनेक क्षेत्रों मे रोजगार का भी सृजन होगा।
उन्होंने कहा देश में उत्तराखण्ड शूटिंग के लिए एक प्रमुख स्थान बन चुका है। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षो में और अधिक फिल्मांें का निर्माण उत्तराखण्ड में होने से होटल व्यवसायी के साथ पर्यटन व्यवसाय से जुडे लोगों,टैक्सी कारोबारी व गाइडों को फायदा होगा।
कार्यक्रम में विधायक सरिता आर्या, राम सिंह कैडा, जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, आयुक्त दीपक रावत, डीआईजी डॉ योगेन्द्र सिंह रावत, जिलाधिकारी वंदना, एसएसपी पीएन मीणा के साथ ही काफल वेबसीराज के किरदार एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।