
आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरियों में दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने के लिए प्रस्तावित विधेयक में संशोधन को लेकर विधानसभा की प्रवर समिति ने सुझाव दिए हैं। समिति ने कार्मिक विभाग को विधेयक में संशोधनों को शामिल करते हुए नया ड्राफ्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं।


राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने के लिए धामी सरकार विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान विधेयक लाई थी। लेकिन कुछ खामियों के चलते विधेयक प्रवर समिति को सौंप दिया गया था। संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की अध्यक्षता में सोमवार को प्रवर समिति की पहली बैठक हुई। बैठक के बाद समिति ने कार्मिक विभाग को कई सुझाव दिए।
सूत्रों के अनुसार, समिति ने राज्य के अधीन लोक सेवा व अन्य आयोग की भर्तियों को विधेयक में शामिल करने के निर्देश दिए। समिति ने कहा कि यदि विधेयक में यह संशोधन नहीं होता है तो आंदोलनकारी आरक्षण कोटे में पहले से कार्यरत 1700 लोगों के सामने संकट खड़ा हो सकता है।

समिति ने आश्रित श्रेणी में तलाकशुदा व परित्यक्ता पुत्री को भी शामिल करने को कहा है। सूत्रों के अनुसार, संशोधित ड्राफ्ट बनने के बाद फिर समिति की बैठक होगी। बैठक में विधायक विनोद चमोली, कांग्रेस के उपनेता सदन भुवन कापड़ी, उमेश शर्मा काऊ और मनोज तिवारी भी शामिल रहे।

