अतिथि शिक्षकों का हाल उत्तराखंड में प्रवक्ता और एल टी की तबादले की कॉउंसलिंग चल रही है। तथा इस कॉउंसलिंग से 4000 से ज्यादा कार्यरत अतिथि शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं। जिनकी सुनने वाला उत्तराखंड में कोई नहीं है

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अतिथि शिक्षकों का हाल

माननीय मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री लगातार इनके लिए नीति बनाने की बात करते हैं ,परन्तु विगत 09 वर्षों से कार्य करने के बाद भी इनका भविष्य अन्धकार में है। दुर्गम से अति दुर्गम में कार्य करने और बोर्ड रिजल्ट में 100% योगदान देने के बाद भी इनके सुनने वाला कोई नहीं है। विभाग द्वारा पिछले 09 वर्षों से जून माह का वेतन लगातार दिया जा रहा था,परन्तु इस जून माह से इनका वेतन भी रोक दिया गया है। सरकार शिक्षा के सम्बन्ध में लाख दावे कर ले ,परन्तु जिन पर बच्चों का भविष्य बनाने की जिम्मेदारी है ,उनका भविष्य खुद अंधकार में है।

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर ,उत्तराखंड

आज कॉउंसलिंग से 4000 अतिथि शिक्षक प्रभावित हो रहें हैं , शायद इनका समायोजन हो भी जाए या कब तक हो कोई पता नहीं , परन्तु अभी पहले तबादले वाले शिक्षक ज्वाइन करेंगे,अतिथि शिक्षक कार्यमुक्त होंगे ,इस प्रक्रिया में कम से कम 01 माह का समय लगेगा, फिर उसके बाद अतिथि शिक्षकों का समायोजन होगा,उसमे एक माह का समय और लगेगा ,मतलब कम से कम 02 से 03 माह, इन 03 माह तक उन बच्चों की पढ़ाई शायद ही हो पाएगी। इसे देखने वाला कोई नहीं है। उत्तराखंड की भा ज पा सरकार के संकल्प पत्र में भी इन अतिथि शिक्षकों के भविष्य के लिए नीति बनाने की बात थी। परन्तु वह सिर्फ चुनावी बात तक ही सीमित रही। सरकार और विभाग से हाथ जोड़कर अतिथि शिक्षकों की विनती है कि या तो कोई नियम बना दो या हमें हमेशा के लिए बाहर कर दो,ताकि हम कोई और कार्य करके अपना गुज़र बसर कर सकें।


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