
उन्होंने इस घटना के लिए पुलिस प्रशासन को दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा कि यह घटना पुलिस की लापरवाही के कारण हुई जिससे गलतफहमी पैदा हुई। घटना के बाद प्रेस क्लब के अध्यक्ष अजय राणा ने कांग्रेस पार्टी मामलों की प्रभारी कुमारी सैलजा को एक पत्र लिखकर शिकायत भी की थी।

इस घटना को लेकर माहरा ने उत्तरांचल प्रेस क्लब के अध्यक्ष अजय राणा को एक पत्र भी लिखा। पत्र में उन्होंने कहा कि पुलिस उन्हें और उनके साथियों को हमेशा की तरह गिरफ्तार कर पुलिस लाइन ले गयी थी। उन्होंने पत्र में कहा, “हमें नहीं पता था कि वहां पर पत्रकारों का कोई कार्यक्रम चल रहा है और शायद पत्रकारों को भी पता नहीं था कि पुलिस मुझे और मेरे साथियों को गिरफ्तार कर वहां लायी है। गलतफहमी में शायद पत्रकारों को लगा कि हम उनका विरोध करने वहां आए हैं। इसी दौरान यह घटना हुई, जिसके लिए मैं खेद प्रकट करता हूं।”
घटना के लिए पुलिस को ठहराया जिम्मेदार
अपने पत्र में माहरा ने पत्रकारों और विपक्ष को एक दूसरे का ‘पूरक’ भी बताया। इस घटना को लेकर उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें इसमें साजिश नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस के कारण यह गलतफहमी हुई और फिर यह घटना घटी। पुलिस को घटना के लिए जिम्मेदार बताते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन को पुलिस लाइन में उन्हें स्टेडियम की जगह किसी अन्य जगह पर बैठाना चाहिए था लेकिन उसने ऐसा नहीं किया, जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
क्या था पूरा मामला
बता दें कि भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु चिब के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बुधवार को उत्तराखंड में ‘नशा नहीं, रोजगार दो’ राज्यव्यापी अभियान की शुरूआत की थी। इसी अभियान के तहत हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर पुलिस लाइन लायी थी। पुलिस लाइन में पहुंचकर कांग्रेस कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए स्टेडियम में घुसे जहां एक क्रिकेट मैच हो रहा था। तभी वहां मौजूद पत्रकारों ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मैच में बाधा न डालने का अनुरोध किया लेकिन वे आक्रोशित हो गए। इसके बाद पत्रकार और कांग्रेस कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए।


