डीजीपी अभिनव कुमार का कहना है कि उत्तराखंड ही नहीं, पूरे देश में बिना मिलीभगत के मादक पदार्थों की तस्करी संभव नहीं है। तस्करों से मिलीभगत करने वाले के विरुद्ध साक्ष्य एकत्र कर यदि उन्हें दिया जाता है तो अपराधियों ही नहीं, पुलिस कर्मियों के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।

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उन्होंने कहा कि अभी तक पुलिस पांच ग्राम से लेकर 50 ग्राम तक ड्रग्स सप्लाई करने वाले पेडलरों पर कार्रवाई कर रही थी। अब पेडलरों के साथ ही बड़े माफिया को सलाखों के पीछे भेजा जाएगा। उत्तराखंड को अपराधियों की शरणस्थली नहीं बनने दिया जाएगा। इसका संदेश हरिद्वार में दो एनकाउंटर कर दिया जा चुका है।

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर

ड्रग्‍स लेने वालों में युवा वर्ग सबसे ज्‍यादा शामि‍ल

गुरुवार को हल्द्वानी कोतवाली के मीटिंग हॉल में डीजीपी अभिनव कुमार ने प्रेसवार्ता कर कहा कि प्रदेश में ड्रग्स तस्करी यदि बढ़ रही है तो पुलिस अपराधियों को सलाखों के पीछे भी भेज रही है। ड्रग्स लेने वालों में युवा वर्ग सबसे ज्यादा शामिल है। युवाओं को जागरुक करने के लिए अभिभावकों व स्कूलों के अध्यापकों की मदद ली जाएगी, क्योंकि युवाओं की बदलती गतिविधियों को अभिभावक व शिक्षक सबसे पहले पहचान सकते हैं।

पुलिस की अभी तक की कार्रवाई में सामने आता था कि पेडलर पकड़े जा रहे हैं, लेकिन बड़े माफिया बच जाते हैं। अब बड़े माफिया के विरुद्ध भी कार्रवाई होगी। डीजीपी ने कहा कि अपराधियों को पुलिस मुंहतोड़ जवाब दे रही है। अपराधी जैसा अपराध कर रहा है, उससे उसी अंजाम में निपटा जा रहा है। इसलिए अपराधी यह न सोचें कि उत्तराखंड में बच जाएंगे। उत्तराखंड की पुलिस अब स्मार्ट हो गई है। महिला अपराध को रोकने के लिए भी पुलिस तैयार है। अपराधियों को सीधे जेल भेजा जा रहा है।

हल्द्वानी में बढ़ते यातायात दवाब पर होगा अध्ययन

डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा कि हल्द्वानी में यातायात का दबाव बढ़ रहा है। जाम की समस्या से लोग परेशान हैं। पिछले 20 साल से अब तक बढ़ते यातायात को लेकर उन्होंने एसएसपी पीएन मीणा को अध्ययन करने को कहा है। इसके बाद बेहतर क्या हो सकता है, इस पर विचार किया जाएगा। साथ ही जिला प्रशासन के साथ मिलकर कार्ययोजना तैयार की जाएगी। पार्किंग स्थल बनाए जाएंगे।

महिला अपराध के बदलते ट्रेंड को जानने के लिए बनाई कमेटी

उन्होंने कहा कि महिला अपराध के बदलने ट्रेंड के लिए वरिष्ठ डीआइजी के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई गई है। राज्य के हर थाने में महिला डेस्क के अलावा अब एक स्पेशल रूम बनाया जाएगा, जहां पीड़ित महिलाओं से पूछताछ की जाएगी। इस रूम को बनाने का उद्देश्य महिलाओं के मन से भय को कम करना है, ताकि वह खुलकर अपनी बात कह सके।

किसी को दिक्कत है तो नियम में करा लें बदलाव

यातायात चेकिंग को लेकर डीजीपी ने अपना रुख स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में हर साल सैकड़ों लोग सड़क दुर्घटना में जान गंवा रहे हैं, जो गंभीर चिंता का विषय है, मगर हल्द्वानी के लोगों का कहना है कि यहां अन्य जिलों के मुकाबले अधिक सख्ती है। दोपहिया वाहनों पर डबल हेलमेट व कार में सीट बेल्ट न लगाने पर चालान हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी को चालान से दिक्कत है तो वह अपने जनप्रतिनिधि से कहकर नियमों में बदलाव करा लें। यातायात के विरुद्ध सख्ती पूरे राज्य में की जाएगी।

आइटीआइ गैंग पर करेंगे कार्रवाई, मगर कोई बचाने न आए

डीजीपी के समक्ष आइटीआइ गैंग की दहशत का मुद्दा भी उठा। इस पर उन्होंने कहा कि आइटीआइ गैंग में यदि बच्चे शामिल हैं तो यह शर्म की बात है। उन माता-पिता को शर्म करनी चाहिए, जो अपने बच्चों पर ध्यान नहीं दे सकते और उन्हें वाहन दे रहे हैं। कहा कि पुलिस कार्रवाई करती है तो लोग, नेता व बच्चों के अभिभावक थाने में पहुंचकर बचाव में उतर आते हैं। पुलिस अब कार्रवाई करेगी, लेकिन शर्त यह कि कोई बचाव में नहीं आएगा। गैंग को पुलिस अपने हिसाब से सुधार देगी।

हल्द्वानी का माहौल बिगड़ने नहीं देंगे

डीजीपी ने कहा कि बनभूलपुरा दंगे के बाद हल्द्वानी की छवि पर दाग लगा है। ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसलिए पुलिस एक्शन के मूड में है। हल्द्वानी का माहौल बिगड़ने नहीं दिया जाएगा। माहौल बिगाड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी।


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