महानगरों में तापमान बढ़ने से सैलानियों का रुख अब पहाड़ की ओर है। हालांकि जंगलों के जलने की वजह से धुंध का असर है, मगर मौसम में मैदान जितनी तपिश नहीं है।

Spread the love

इसीलिए कम तापमान वाले इलाके पर्यटकों की पसंद हैं।

कौसानी में पर्यटकों की आमद बढ़ गई है। साहसिक यात्रा के शौकीन इससे आगे पिंडारी ग्लेशियर का रुख कर रहे हैं। पिंडारी का ट्रैक इतना बेहतर है कि इस मौसम में सबसे ज्यादा सैलानी इसी ग्लेशियर को देखने के लिए उमड़ते हैं। कपकोट से हिम श्रृंखलाओं के दीदार शुरू हो जाते हैं।

इन राज्‍यों के सैलानियों की आमद अधिक

कौसानी भी हिमालय दर्शन कराता है। इस समय धुंध की वजह से हिमालय के दीदार करने की तमन्ना भले अधूरी हो, मगर तापमान सुबह-शाम सुकून दे रहा है।

गुजरात, महाराष्ट्र बंगाल, दिल्ली के सैलानियों की आमद अधिक है। कौसानी को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने मिनी स्विटजरलैंड कहा था। बापू की प्रवास स्थली अनासक्ति आश्रम, लक्ष्मी आश्रम, पंत संग्राहलय, चाय बागान, बैजनाथ झील की यादें यहां से पर्यटक ले जाते हैं।

अब तक 11 दल गए पिंडारी

15 अप्रैल से ग्लेशियरों की साहसिक यात्रा शुरू हो गई है। अब तक 11 दल पिंडारी से लौट आए हैं। कौसानी, बागनाथ, बैजनाथ समेत अन्य धार्मिक स्थलों पर पर्यटक पहुंचने लगे हैं। होटल, होम स्टे संचालक, पोर्टरों के चेहरे खिल उठे हैं।

जिले में पर्यटकों की स्थिति

  • वर्ष -2021- 2022- 2023 -2024
  • देशी -17603- 74,090 -81,988 -24,976
  • विदेशी -01 -153 -628 -190

पिंडारी ग्लेशियर की साहसिक यात्रा सुगम है। खाती तक वाहन जा रहे हैं। कौसानी में भी पर्यटक पहुंचने लगे हैं। लेकिन जंगलों में लगी आग के कारण वातावरण में धुआं है। सुबह-शाम ठंड है। गर्मी से लोगों को निजात मिल रही है। बैजनाथ में नौकायन का आनंद भी पर्यटक ले रहे हैं। उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जा रही है।

– पीके गौतम, जिला पर्यटन अधिकारी, बागेश्वर।


Spread the love