
रुद्रपुर राजनीति में लोग MLA, MP, प्रधान, बीडीसी, ब्लॉक प्रमुख बनाने के सपने देखते हैं। लेकिन उत्तराखंड में पंचायत चुनावों के बीच एक पुरानी कहावत फिर से गूंज रही है – “सियासत में ऊँचा जिसने चढ़ाया, वही घर छोड़कर भाग गया!”
दमोह (मध्य प्रदेश) की सोना बाई अहिरवाल की कहानी ने तो बवाल मचा ही रखा है। बेचारे सेवक राम ने MLA बनाने में दिन-रात एक कर दिए। अब साहब खुद दो जून की रोटी को मोहताज हैं, तो कोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे हैं।


लेकिन ठहरिए… उत्तराखंड भी कहां पीछे रहने वाला है!
यहां भी चल रहा “पत्नी प्रमोशन” मिशन!
यहाँ पंचायत चुनाव का ऐसा खुमार छाया है कि हर दूसरा पति, पत्नी को प्रधान का टिकट दिलाने में जुटा है। लोग कह रहे हैं –
“पहले भाभी को प्रधान बनाओ, फिर भाभी के नाम से ठेके, काम, फंड और गाड़ी सब आ जाएंगे!”
लेकिन डर भी कम नहीं। लोग फुसफुसा रहे हैं –
“कहीं MLA सोना बाई वाली कहानी दुबारा न हो जाए… पहले नेतागिरी दिलाओ, फिर खुद फटेहाल रह जाओ!”
उत्तराखंड में भी कई किस्से –
- हल्द्वानी की “गुड्डी भाभी” प्रधान बनीं, फिर अलग घर लेकर रहने लगीं। पति बेचारे “प्रधान पति” कहलाते-कहलाते गांव में हंसी के पात्र बन गए।
- रुद्रपुर की “सीमा दीदी”, जिला पंचायत सदस्य बनीं, फिर पति को बोलीं – “तुम अब मेरे पीए हो!”
- पौड़ी में एक भाई साहब बोले – भाभी को BDC बनवा दिया, अब भाभी ही घर में नोटिस थमा रही हैं कि मेरी कमाई में से खर्च अलग करो!”
पंचायत चुनाव और पतियों की फिक्र
उत्तराखंड के गांवों में पंचायत चुनावी चौपालों पर लोग हंसी-ठिठोली में कहते फिर रहे हैं –
भाभी को प्रधान बना दो, मगर पहले लिखवा लो कि MLA बनीं तो भी घर नहीं छोड़ेंगी!”
एक पंच चुटकी लेता है –
भाई, MLA बना दी पत्नी को… अब खुद MLA मतलब – “मालिक लाचार आदमी!””
कोर्ट की राह पर बढ़ते पतिदेव?
दमोह केस देखने के बाद कुछ पतियों ने हल्द्वानी के वकीलों से पूछना शुरू कर दिया –
“भैया, गुजारा भत्ता कैसे मिलेगा अगर पत्नी प्रधान बनकर छोड़ जाए?
वकील बोले –
“अभी तक MLA लेवल की फाइलें ही आई थीं… अब प्रधान-पति भी कोर्ट में आने लगे तो हमारी कमाई भी प्रधान हो जाएगी!”
पत्नी VVIP, पति VIP से सीधे PIP –
दमोह वाले सेवक राम कह रहे हैं –
“वो अब VVIP हैं, मैं दो वक्त की रोटी को मोहताज!”
यह डायलॉग अब उत्तराखंड के चुनावी पंडालों में फुल वायरल है। लोग कहते हैं –
“पंचायत चुनाव में पति खूब पसीना बहा रहे हैं। डर सिर्फ इतना है –
कल को पत्नी टिकट लेकर VIP न बन जाए, और पति बन जाए PIP – “पति इधर पिटा, उधर पिटा!””
तो भाई साहब, सबक यही है – पत्नी को चुनाव लड़वाने से पहले एक शपथपत्र जरूर भरवा लो, कि MLA, MP, प्रधान, BDC बनकर भी घर और पति दोनों नहीं छोड़ेंगी… वरना कोर्ट में गुजारा भत्ता की याचिका फाइल करने के लिए तैयार रहो!

