

राजकीय शिक्षक संघ के मुताबिक, इस आदेश से सीधी भर्ती के 18 हजार एलटी शिक्षकों व प्रवक्ताओं की वरिष्ठता प्रभावित होगी।


शिक्षा विभाग में बेसिक के एलटी में समायोजित शिक्षक पिछले कई वर्षों से उनकी पुरानी सेवा को जोड़कर चयन और प्रोन्नत वेतनमान दिए जाने की मांग कर रहे थे। जूनियर हाईस्कूल के सहायक अध्यापक एवं प्राथमिक स्कूल के प्रधानाध्यापक का कहना था कि उन्हें जिस तिथि से वेतनमान 5500 से 9000 रुपये मिल रहा था, उसी तिथि से उनकी एलटी में सेवा जोड़कर चयन और प्रोन्नत वेतनमान दिया जाए। विभाग की ओर से इसकी अनदेखी पर विभाग में 1980 से 1995 के बीच नियुक्त हुए शिक्षक इसके खिलाफ हाईकोर्ट चले गए।
Hindustan Global Times, Avtar Singh Bisht, journalist from Uttarakhand
उन्हें सिंगल बैंच से राहत नहीं मिली। डबल बैंच में इस मामले में उनकी सेवाएं जोड़ने का आदेश दिया, लेकिन वरिष्ठता के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं की। डबल बैंच के फैसले के खिलाफ शिक्षा निदेशक ने उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुज्ञा याचिका(एसएलपी) दायर की। जिसे न्यायालय ने ठुकरा दिया। इस पर विभाग ने सात जुलाई 2014 के आदेश पर अमल करते हुए शिक्षकों को पुरानी सेवा जोड़ते हुए उन्हें चयन एवं प्रोन्नत वेतनमान का लाभ दिया। इस बीच विभाग की ओर से पूरे मामले को लेकर हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी। कुछ शिक्षक वरिष्ठता की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चले गए। सुप्रीम कोर्ट ने विभाग को हाईकोर्ट के पूर्व के आदेश पर पूरी तरह से पालन करने के निर्देश दिए।
इस आदेश से सीधी भर्ती के 18000 सहायक अध्यपाक एलटी और प्रवक्ताओं की वरिष्ठता प्रभावित हो रही है। हम इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाएंगे।
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