गरुड़ पुराण कहता है कि सभी प्राणियों को उसके द्वारा किया गया कर्म कई जन्मों तक भुगतना पड़ता है। कर्म के हिसाब से ही मनुष्य का अगला जन्म तय होता है। अगला जन्म किस योनि में होगा, यह भी मृत्यु से पहले ही तय हो जाता है।

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   चलिए जानते हैं कि मृत्यु के पहले ही कैसे मनुष्य का अगला जन्म तय हो जाता है?

धर्म को न मानने वाला

गरुड़ पुराण कहता है जो मनुष्य जीवित रहते धर्म का या धार्मिक ग्रंथों को अपमानित करने का कार्य करता है, जो भगवान में विश्वास नहीं करता अर्थात जो नास्तिक होता है, उसका अगला जन्म श्वान यानि कुत्ते की योनि में होता है। गरुड़ पुराण की मानें तो जो मनुष्य जीवन में अधिक खाना खाता है या कुछ भी खा लेता है, उसका अगला जन्म सुअर की योनि में होता है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग जीवन भर दूसरों को गाली देने का काम करते हैं या फिर जिन लोगों की वाणी में कठोरता होती है, उसका अगला जन्म बकरे की योनि में होता है।

बड़े भाई को अपमानित करने वाला

गरुड़ पुराण में बताया गया है कि जो मनुष्य मित्रों के साथ शत्रुता का व्यवहार करता है, वो अगले जन्म में गिद्ध के रूप में जन्म लेता है। जो लोग मनुष्य जीवन में दूसरों को मूर्ख बनाकर अपना काम करते हैं, ऐसे लोगों का अगला जन्म उल्लू के रूप में होता है। जो लोग मनुष्य रूप में महिलाओं को परेशान करते हैं, उन्हें अगले जन्म में भेड़िये के रूप में जन्म लेना पड़ता है। जो व्यक्ति अपने बड़े भाई का अनादर करता है या उन्हें अपमानित करता है, उसका अगला जन्म कौंच पक्षी के रूप में होता है।

चोरी करने वाला

गरुड़ पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति वस्त्रों को चुराने का काम करता है, वह अगले जन्म में तोते के रूप में जन्म लेता है। वहीं जो मनुष्य सुगन्धित चीजों की चोरी करता है, उसका अगला जन्म छछूंदर की योनि में होता है। अगर कोई व्यक्ति हत्या जैसा अपराध करता है तो उसका अगला जन्म गधे के रूप में होता है।

यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।  हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर इसकी पुष्टि नहीं करता है।


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