जीएसटी नेटवर्क एक अक्तूबर से बिल प्रबंधन प्रणाली (आईएमएस) की शुरुआत करेगा। इसकी मदद से करदाता सही इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाने के लिए आपूर्तिकर्ताओं की तरफ से जारी रिकॉर्ड/बिलों का मिलान कर पाएंगे।

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    जीएसटी नेटवर्क ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) भुगतानकर्ताओं को जारी परामर्श में कहा, करदाता पोर्टल के माध्यम से अपने आपूर्तिकर्ताओं के साथ रिकॉर्ड/बिलों में सुधार/संशोधनों का कुशल प्रबंधन कर सकें, इसके लिए आईएमएस नाम की नई संचार सुविधा शुरू की जा रही है। जीएसटी रिटर्न भरने और कर देनदारियों के भुगतान मंच के तौर पर जीएसटी नेटवर्क का इस्तेमाल होता है।

सभी कार्रवाइयों का रहेगा विस्तृत रिकॉर्ड
परामर्श फर्म मूर सिंघी के कार्यकारी निदेशक रजत मोहन ने कहा, चालान पर की गई सभी कार्रवाइयों का विस्तृत रिकॉर्ड रखने से आईएमएस जीएसटी ऑडिट के लिहाज से एक मजबूत आधार तैयार करता है। यह सुविधा कर अधिकारियों को आईटीसी दावों के प्रबंधन में प्राप्तकर्ता की उचित सावधानी का स्पष्ट सबूत देती है।

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर

चालान स्वीकार-अस्वीकार की भी होगी अनुमति
जीएसटी नेटवर्क ने कहा, आईएमएस सुविधा से करदाताओं को सही आईटीसी का लाभ उठाने के लिए अपने आपूर्तिकर्ताओं की ओर से जारी किए गए रिकॉर्ड/ बिल का मिलान करने में भी सुविधा होगी। यह सुविधा करदाताओं को चालान को स्वीकार या अस्वीकार करने या इसे प्रणाली में लंबित रखने की अनुमति देगी, जिसका लाभ बाद में उठाया जा सकता है।


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