


सरकारी जमीन पर बने मदरसे का किया था निर्माण


आठ फरवरी को पुलिस, प्रशासन और नगर निगम की टीम मलिक का बगीचा यानी सरकारी जमीन पर बने मदरसे और नमाजस्थल को तोड़ने के लिए गई थी। इस दौरान उपद्रवियों की भारी भीड़ ने चारों तरफ से पथराव कर दिया था। पुलिस, नगर निगम और मीडियाकर्मियों पर हमले हुए थे। इसके बाद बनभूलपुरा थाने पर पेट्रोल बम बरसाए गए। जगह-जगह आगजनी की गई। कार्रवाई के बाद किसी तरह सब लोग यहां से बाहर निकले।
रात 12 बजे तक यह कार्रवाई हुई थी
इसके बाद पुलिस ने 19 नामजद समेत करीब पांच हजार अज्ञात लोगों के विरुद्ध गंभीर धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की। इसके बाद अब्दुल मलिक, उसके बेटे मोईद समेत नौ फरार लोगों को वांछित करार देने के साथ पुलिस ने न्यायालय से इनकी कुर्की के आदेश हासिल कर लिए। शुक्रवार को पुलिस ने लाइन नंबर आठ स्थित मलिक व बेटे के घर पहुंच सामान जब्त कर लिया था। रात 12 बजे तक यह कार्रवाई हुई थी।
पुलिस कर रही कुर्की
एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया कि शनिवार को पुलिस टीम दोबारा इन दोनों के घर पहुंची और बचे सामान को भी गाड़ियों में भरा, जबकि दूसरी टीम वसीम उर्फ हप्पा, रईस उर्फ दत्तू और तस्लीम के घर पहुंची। इनके घरों में भी कुर्की की कार्रवाई कर सारा सामान जब्त कर लिया गया।
मलिक का सामान उठाने में लगे दो दिन
शुक्रवार को पुलिस लाइन नंबर आठ स्थित अब्दुल मलिक व बेटे के घर पहुंची। दोपहर चार बजे से रात करीब 12 बजे तक कुर्की कार्रवाई हुई। इसके बाद शनिवार को सुबह साढ़े 11 बजे के आसपास पहुंची। टीम को प्रक्रिया पूरी करने में साढ़े छह बज गए। हर सामान को रिकार्ड में दर्ज करने के बाद टिप्परों में लाद निकाला गया।
1950 में बना घर, अंदर आलीशान सामान
मलिक के घर पहुंची टीम को यहां महंगे फर्नीचर की भरमार दिखी। कीमती कुर्सियां, डाइनिंग टेबल, बेड और दीवारों पर हर तरफ इमारती लकड़ी की कारीगरी थी। जिस वजह से सामान को जब्त करने में भी समय लगा। टे्रड मिल, एसी, गीजर, हीटर, टीवी, फ्रिज, पंखे, कंप्यूटर, प्रिंटिग मशीन, सोफे, गद्दे, क्राकरी समेत यहां से जब्त हर सामान महंगा था।
बन रहा था दंगाइयों का नेता, घर में टेंपो बराबर सामान
लाइन नंबर 17 निवासी वसीम उर्फ हप्पा के घर की कुर्की में ज्यादा सामान नहीं मिला। एक कमरे के घर में कूलर, कपड़ों का बक्सा, लकड़ी का तख्त, अंगीठी जैसा मामूली सामान था। सामान से आधा टेंपो ही भर पाया था। ये हप्पा आठ फरवरी को उपद्रवियों को भड़काने संग खुद भी शामिल था।
दत्तू और तस्लीम के वहां घरेलू सामान ही था
मलिक के बगीचे के पास रहने वाले रईस उर्फ दत्तू के घर से बेड, बिस्तर, कपड़े, टीवी और फ्रिज आदि मिला। जबकि तस्लीम के वहां भी सामान्य घरेलू सामान ही था। इसलिए कुर्की में ज्यादा समय नहीं लगा।
पांच की कुर्की, तीन गिरफ्तार, अब बचा अयाज
पुलिस ने नौ लोगों को वांछित करार कर न्यायालय से कुर्की आदेश हासिल किए थे। पांच लोगों के घरों की कुर्की हो चुकी है। जबकि तीन लोग गिरफ्तार कर लिए गए। अभी एक वांछित फरार है। इसका नाम अयाज अहमद है। पुलिस अब इसके घर कुर्की की कार्रवाई करेगी।
सोचा नहीं होगा कि धामी सरकार ये हाल करेगी
आठ फरवरी को अलग-अलग दिशाओं से पथराव और उपद्रव करने वाले और इस उपद्रव की रणनीति तैयार करने वालों ने सोचा भी नहीं होगा कि सरकार ये हाल करेगी। बनभूलपुरा बवाल के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने साफ-साफ कहा था कि दंगाइयों को किसी हाल में नहीं बचेंगे। नुकसान की पाई-पाई इन्हें से वसूली जाएगी।
घटना को मजहबी व राजनीतिक रंग न दिया जाए : मौलाना कासमी
मौलाना मो. मुकीम कासमी ने शनिवार को वीडियो जारी कर कहा कि बनभूलपुरा क्षेत्र में आठ फरवरी को हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस दिन को काला दिवस के रूप में याद किया जाएगा। हम लोग अमन व शांति के रखवाले हैं। कभी भी हिंसा और लड़ाई का सहयोग नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई मजहब की नहीं थी। यह सिर्फ अब्दुल मलिक और प्रशासन के बीच का जमीन का मामला था। मामला कोर्ट में चल रहा है। इसे किसी तरह से मजहबी और राजनीतिक रंग न दिया जाए।
Hindustan Times Times/शैल ग्लोबल टाइम्स/अवतार सिंह बिष्ट रूद्रपुर उत्तराखंड

भीम आर्मी का कुच,थानाध्यक्ष नितेश शर्मा ने कर्फ्यू का हवाला देते हुए कार्यकर्ताओं को रोक लिया। इसके बाद सांकेतिक रूप से उन्हें गिरफ्तार कर थाने में बैठा लिया गया।
दोपहर के समय निजी मुचलकों पर रिहा कर दिया गया। इस दौरान भीम आर्मी कार्यकर्ताओं में पुलिस को एक ज्ञापन भी सौंपा।पिछले दिनों हल्द्वानी के वनभूलपुरा में हुए बवाल में कई लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस को उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया गया और कर्फ्यू लगाते हुए इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी थी।
शनिवार को भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत नौटियाल, प्रदेश प्रभारी सोनू लाठी, प्रदेश अध्यक्ष दीपक सेठपुर के नेतृत्व में भीम आर्मी के लगभग 50 कार्यकर्ता बहादराबाद से इकट्ठा होकर बनभूलपुरा के मुस्लिम परिवारों से मिलने के लिए हल्द्वानी रवाना हुए। खुफिया विभाग से सूचना मिलने पर श्यामपुर थानाध्यक्ष नितेश शर्मा ने चंडीघाट चौकी इंचार्ज अशोक रावत, लालढांग चौकी इंचार्ज रुकम सिंह नेगी, उपनिरीक्षक मनोज रावत ने उन्हें हाईवे पर रोक लिया।
भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत नौटियाल का कहना था कि वह शांतिपूर्ण तरीके से पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे हैं। ऐसे में उन्हें जाने दिया जाए, लेकिन पुलिस का कहना था कि हालात सामान्य नहीं होने तक उन्हें वहां जाने की इजाजत नहीं दी। उन्होंने सरकार के इशारे पर आवाज दबाने का आरोप भी लगाया।
इसके बाद पुलिस सभी को पकड़ थाने ले आई और सांकेतिक रूप से गिरफ्तार किया। इस दौरान भीम आर्मी ने पुलिस को ज्ञापन देकर बेगुनाहों पर दर्ज मुकदमें वापस लेने, पीड़ित परिवार को 50 लाख का मुआवजा देने और मदरसे के लिए जमीन उपलब्ध कराने की मांग की। जल्द मांगों पर गौर नहीं करने पर आंदोलन की चेतावनी दी।

