हल्द्वानी अमेरिका में प्रतिबंधित दवाइयां बेचने और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सजा काट रहे बनमीत नरूला के तिकोनिया स्थित आवास पर ईडी की टीम ने शुक्रवार को छापेमार कार्रवाई की। प्राप्त जानकारी के अनुसार देहरादून पुलिस के साथ ईडी की टीम की 12 गाड़ियों के साथ सुबह करीब साढ़े पांच बजे तिकोनिया स्थित बनमीत नरूला के निवास पर पहुंची। ईडी की छापेमारी से मोहल्ले में हड़कंप मच गया। छापेमारी के वक्त बनमीत नरूला के घर में उनके पिता सुरजीत नरूला और परिवार के लोग मौजूद थे। छापेमारी के बाद से किसी भी बाहरी व्यक्ति को घर में नहीं घुसने दिया गया। बाहरी लोग काम करने आए तो उनको अंदर जाने नहीं दिया गया। गेट पर स्थानीय पुलिस का कड़ा पहरा लगा रहा। सुबह टीम जब यहां पहुंची तो अलमारी और तिजोरी का ताला खोलने के लिए चाबी बनाने वाले को बुलाया गया। इसके बाद ईडी की टीम ने अलमारी और तिजोरी के साथ घर में रखे तमाम दस्तावेज खंगाले। समाचार लिखने तक ईडी की टीम छानबीन में जुटी थी। बताया जा रहा है कि ईडी की टीम मामले से जुड़े अन्य स्थानों पर भी छापेमारी कर रही है। छापेमारी को लेकर बनमीत के पिता सुरजीत नरूला से बातचीत करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने इस बारे में कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। बता दें हल्द्वानी निवासी बनमीत सिंह को अप्रैल 2019 में लंदन में गिरफ्तार किया गया था और 2023 में अमेरिका में प्रत्यर्पित किया गया था। उसे कोलंबस अदालत के समक्ष नियंत्रित पदार्थों को वितरित करने के इरादे से रखने की साजिश और मनी लॉन्ड्रिंग की साजिश रचने का दोषी ठहराया गया और आठ साल की सजा सुनाई गई थी।

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शहर के तिकोनिया स्थित एक कॉलानी  में ED ने छापा मारा है। यहां मौजूद बनमीत सिंह के आवास में छापा पड़ा है। आपको बता दें कि यह वही 40 वर्षीय बनमीत सिंह है जो अमेरिका में रहते हुए ‘डार्क वेब मार्केटप्लेस’ पर प्रतिबंधित पदार्थ बेचता था, अभी हाल ही में इस मामले को लेकर उसे पांच साल कारावास की सजा सुनाई गई है और उससे लगभग 15 करोड़ अमेरिकी डॉलर जब्त किए जाने का आदेश दिया गया है। डार्क वेब इंटरनेट का वह हिस्सा है, जहां तक आम सर्च इंजन नहीं पहुंच पाता और इस तक विशेष वेब ब्राउजर के जरिए ही पहुंचा जा सकता है।

हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/
प्रिंट मीडिया :
शैल ग्लोबल टाइम्स/
संपादक: अवतार सिंह बिष्ट रूद्रपुर, उत्तराखंड


हल्द्वानी के बनमीत सिंह को अमेरिका के अनुरोध पर अप्रैल 2019 में लंदन में गिरफ्तार किया गया था। उसे मार्च 2023 में अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया। उसने प्रतिबंधित पदार्थों को बचने और धनशोधन की साजिश के आरोपों को जनवरी में स्वीकार किया। प्रतिबंधित पदार्थ आम तौर पर ऐसी दवा या रसायन होता है जिसका निर्माण और उपयोग सरकार द्वारा नियंत्रित किया जाता है।

अदालती दस्तावेजों और अदालत में दिए गए बयानों के अनुसार, बनमीत ने फेंटेनाइल, एलएसडी, एक्स्टसी, जैनैक्स, केटामाइन और ट्रामाडोल जैसे नियंत्रित पदार्थ बेचने के लिए सिल्क रोड, अल्फा बे, हंसा समेत कई अन्य डार्क वेब मार्केटप्लेस पर विक्रेता विपणन साइट बनाईं। ग्राहकों ने इन साइट का उपयोग करके सिंह से ऑर्डर की गई दवाओं के लिए क्रिप्टोकरेंसी के जरिए भुगतान किया। इसके बाद सिंह ने व्यक्तिगत रूप से यूएस मेल या अन्य शिपिंग सेवाओं के माध्यम से यूरोप से अमेरिका तक दवाओं की खेप पहुंचाने की व्यवस्था की। एक अधिकारी ने बताया कि इस काम के जरिए बनमीत ने करीब 15 करोड़ अमेरिकी डॉलर कमाए


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