
रिपोर्ट: अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर


हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स विशेष रिपोर्ट
राजस्थान के जयपुर, अजमेर, जोधपुर जैसे शहरों में एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है जहाँ तांबे और पीतल से बनी नकली ज्वेलरी पर फर्जी हॉलमार्क लगाकर ग्राहकों को 22 कैरेट सोने के नाम पर ठगा जा रहा है। अब इसी स्कैम की जड़ें उत्तराखंड में भी फैलती दिख रही हैं।
राजस्थान की इस घटना ने पूरे देश के ज्वेलरी सेक्टर की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं, लेकिन उत्तराखंड की स्थिति कहीं ज्यादा गंभीर है क्योंकि यहाँ ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों दोनों में ब्रांडेड ग्रामीण नाम वाले ज्वेलर्स द्वारा आधुनिक मशीनों का दुरुपयोग कर सोने की शुद्धता में गड़बड़ी की जा रही है।
राजस्थान: नकली हॉलमार्क का खुलासा
राजस्थान में BIS के अधिकारियों ने हाल ही में छापेमारी कर दर्जनों दुकानों से नकली हॉलमार्क लगी ज्वेलरी जब्त की। ये ज्वेलरी असल में तांबे और पीतल की बनी हुई थीं, लेकिन उन पर ’22K BIS हॉलमार्क’ की मुहर लगी थी।
फर्जीवाड़ा ऐसे होता है:
- नकली स्टैम्पिंग मशीन द्वारा हॉलमार्क की नकल।
- सस्ते धातु को सोने की तरह चमकाने के लिए केमिकल ट्रीटमेंट।
- ग्राहकों को बिना जांच रिपोर्ट दिखाए ज्वेलरी बेचना।
अब यही तरीका उत्तराखंड में और भी हाईटेक होकर अपनाया जा रहा है।
उत्तराखंड: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में नया ‘तकनीकी घोटाला’
उत्तराखंड के किच्छा, बाजपुर, सितारगंज जैसे ग्रामीण इलाकों के साथ ही हल्द्वानी, रुद्रपुर, खटीमा ,देहरादून जैसे शहरी बाजारों में कई “नई ज्वेलर्स” और अन्य स्थानीय ब्रांड तकनीक का इस्तेमाल कर सोने की शुद्धता की रिपोर्ट से खिलवाड़ कर रहे हैं।
कैसे हो रहा धोखा?
- ग्राहक की 24 कैरेट या 22 कैरेट असली ज्वेलरी को स्कैनर मशीन द्वारा 19 कैरेट दिखाया जाता है।
- ग्राहक को यह कहकर डराया जाता है कि “आपका सोना शुद्ध नहीं है, हम इसे सिर्फ X कीमत पर ही ले सकते हैं।”
- वहीं दुकानदार अपनी नकली या मिलावटी ज्वेलरी को 22 कैरेट के रूप में बेचना जारी रखते हैं।
- इस प्रक्रिया में ग्राहक न केवल आर्थिक नुकसान झेलता है, बल्कि मानसिक रूप से भी भ्रमित हो जाता है।
शहरी ब्रांडेड ग्रामीण दुकानों की दोहरी चाल
शहरी इलाकों में काम कर रहे कुछ ब्रांडेड ज्वेलर्स जिनका नाम “ग्रामीण” से शुरू होता है, अब अविश्वास के घेरे में हैं। उनके द्वारा:
- फर्जी हॉलमार्क ज्वेलरी बेचना
- स्कैनर रिपोर्ट से छेड़छाड़
- ग्राहकों के पुराने गहनों को सस्ते में खरीदना और असली बताकर नकली बेचना
- “100% शुद्धता की गारंटी” वाले विज्ञापनों में भ्रम फैलाना
यह सब दर्शाता है कि गहरी जाँच की आवश्यकता है।
BIS और प्रशासन की निष्क्रियता
राजस्थान में BIS ने जब कार्रवाई की तो दर्जनों दुकानें बंद हुईं, लेकिन उत्तराखंड में अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। न वाणिज्य विभाग सक्रिय है और न ही BIS की नियमित जांच होती है।
ग्रामीण क्षेत्र के ग्राहकों की सबसे बड़ी समस्या यह है कि वे न तकनीक समझते हैं, न उन्हें शिकायत का मंच पता है। और इसी का फायदा ये दुकानें उठा रही हैं।
क्या होनी चाहिए कार्यवाही?
- राजस्थान की तर्ज पर उत्तराखंड में भी BIS और पुलिस द्वारा संयुक्त छापेमारी।
- हर जिले में BIS टेस्टिंग वैन की नियुक्ति।
- ब्रांडेड ग्रामीण ज्वेलर्स की ऑडिटिंग और मशीनों की जाँच।
- फर्जी हॉलमार्क बेचने वालों पर एफआईआर और लाइसेंस रद्द।
- ग्राहकों को सोशल मीडिया और पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान के ज़रिए जानकारी देना।
ग्राहकों के लिए चेतावनी
- किसी भी ज्वेलरी की खरीद या बिक्री से पहले BIS हॉलमार्क की वैधता ज़रूर जाँचें।
- ‘बीआईएस CARE ऐप’ पर हॉलमार्क कोड वेरिफाई करें।
- स्कैनर मशीन की रिपोर्ट खुद देखें और उसका स्क्रीनशॉट रखें।
- अगर कोई दुकानदार 24 कैरेट सोने को 19 बता रहा है, तो दूसरे प्रतिष्ठान से कन्फर्म कराएं।
अब ज्वेलरी नहीं, जागरूकता ही असली गहना है
राजस्थान से चला फर्जी हॉलमार्क का तूफान अब उत्तराखंड के हर गांव और शहर तक पहुँच चुका है। इससे बचने के लिए प्रशासनिक जांच जितनी ज़रूरी है, उतनी ही ज़रूरी है ग्राहकों की सजगता। ब्रांड के नाम पर आँख मूँदकर भरोसा करने का समय अब गया।
अगर अब भी आंखें मूंदी रहीं, तो सोना तो जाएगा ही, विश्वास भी लौटकर नहीं आएगा।
उत्तराखंड में ब्रांडेड ज्वेलरी शोरूम का ‘फिक्स मशीन स्कैम’ – सावधान रहें!
उत्तराखंड में इन दिनों ज्वेलरी व्यापार के नाम पर बड़ा गोरखधंधा फल-फूल रहा है। कुछ नामी ब्रांडेड ज्वेलरी शोरूम मालिकों ने महिला एजेंटों को कमीशन पर रखा है, जो अपने जान-पहचान वालों के घर जाकर उनके पुराने गहनों को नकली बताती हैं। फिर ग्राहकों को अपने शोरूम की “मशीन से जांच” के बहाने बुलाया जाता है, जहां पहले से फिक्स की गई मशीन 24 कैरेट शुद्ध सोने को 19 कैरेट दिखाती है।
भ्रमित ग्राहक कम कीमत पर अपने पुराने गहने बेच देते हैं, और कई बार तुरंत उसी शोरूम से ज्वेलरी खरीदने को मजबूर हो जाते हैं। यह गिरोह सुनियोजित तरीके से काम कर रहा है, जिससे खासकर ग्रामीण और भोले-भाले उपभोक्ता ठगे जा रहे हैं।
यह धोखाधड़ी उत्तराखंड के कई शहरों— रुद्रपुर, हल्द्वानी, खटीमा बाजपुर, काशीपुर—में तेजी से फैल रही है। प्रशासन को चाहिए कि इस पूरे नेटवर्क की जांच करे और ग्राहकों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाए। जनता से भी अपील है—सतर्क रहें, सुरक्षित रहें, हर खरीदारी जांच-परख कर करें।
