इस बैठक राज्य आंदोलनकारियों को 10 फीसदी आरक्षण विधेयक के उन बिंदुओं पर चर्चा की गई है। जिनकी वजह से विधेयक पिछले 7 सालों से लंबित है। सोमवार को कांग्रेस के विधायको की लेटलाटिफी के कारण स्थगित हुई बैठक में बुधवार को सभी सदस्य शामिल हुए।
दरअसल साल 2015 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इस विधायक को अनुमोदन के लिए राजभवन भेजा था लेकिन दो राज्यपाल और तीन मुख्यमंत्री बदले जाने के बाद भी इस पर कोई भी फैसला नहीं लिया जा सका, लेकिन हाल ही में राजभवन से त्रुटियों के कारण वापस आने के बाद इस विधेयक को एक बार फिर धामी सरकार मानसून सत्र विधानसभा की प्रबल समिति को विधायक सौंप कर राज्य आंदोलनकारी को 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण जल्द देने का भरोसा दिया है।
जल्द ही दिया जाएगा ड्राफ्ट को अंतिम रूप
दूसरी बैठक के बाद समिति के अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि बैठक में विधायक के सभी बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई है। सभी सदस्यों ने अपने सुझाव दिए हैं। जिन्हें ड्राफ्ट में सम्मिलित करने के बाद जल्द ड्राफ्ट को अंतिम रूप देकर तैयार कर लिया जाएगा।
95 फ़ीसदी ड्राफ्ट हुआ तैयार
वहीं विपक्ष ने भी साफ कर दिया है कि राज्य आंदोलनकारी के आरक्षण के मामले में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की एक राय है। कांग्रेस विधायक और समिति के सदस्य भुवन कापड़ी ने आज जो बैठक हुई है। उसमें समिति ने 95 फ़ीसदी ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। जबकि किसी तरह की कोई तकनीकी खामियां विधेयक में ना हो इसके लिए एक और बैठक निर्धारित की गई है जो जल आयोजित की जाएगी।