

साथ ही चेतावनी भी दी कि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो दिवाली पर वह अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू कर देंगे।


संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विनोद कवि और प्रदेश महामंत्री मनोज पंत ने अपने आंदोलन नोटिस में मांग की कि औद्योगिक न्यायाधिकरण हल्द्वानी या हाईकोर्ट नैनीताल के आदेश के अनुसार उन्हें नियमित किया जाए। नियमितीकरण की कार्रवाई पूरी होने तक समान काम का समान वेतन महंगाई भत्ते सहित दिया जाए।हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना के तहत यूजेवीएनएल, पिटकुल के लिए निकाली गई कार्यालय सहायक तृतीय की भर्ती को तत्काल निरस्त किया जाए।
आवश्यक सेवाओं को देखते हुए संविदाकर्मियों को वार्षिक वेतन बढ़ोतरी का लाभ या हर साल 20 प्रतिशत वेतन बढ़ोतरी दी जाए। बिजलीघर, बिजली लाइन, मीटर रीडिंग, कैश कलेक्शन, मेंटिनेंस आदिम हत्वपूर्ण कार्यों को बिना किसी वित्तीय लाभ-हानि का आकलन किए ठेके पर देने की परंपरा को रोका जाए और इसकी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जाए।
योग्यतानुसार संविदा पर नियुक्ति दिए जाने की मांग
इसके अलावा मानव शक्ति उपलब्ध कराने के नाम पर हो रही लूट को बंद किया जाए। उन्होंने मांग की कि तीनों निगमों के उपनल संविदाकर्मियों को हर माह 300 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाए। विद्युत दुर्घटना या सामान्य मृत्यु होने पर कम से कम 20 लाख रुपये का मुआवजा व मृतक आश्रित को उसकी योग्यतानुसार संविदा पर नियुक्ति दी जाए।
साथ ही जोखिमभरा काम होने के नाते ऊर्जा निगमों के संविदाकर्मियों को अन्य की श्रेणी से बाहर करके विशेष श्रेणी बनाई जाए और उसी हिसाब से वेतन-भत्ते दिए जाएं। उन्होंने ये भी मांग की कि उपार्जित अवकाश को या तो अगले साल समायोजित करें या फिर अवकाश नकदीकरण किया जाए। उन्होंने छह नवंबर को ऊर्जा भवन मुख्यालय में एक दिवसीय ध्यानाकर्षण आंदोलन का एलान किया है। साथ ही चेतावनी दी कि मांगें नहीं मानी गई तो दिवाली के दौरान वे अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर देंगे।
Hindustan Global Times, Avtar Singh Bisht, journalist from Uttarakhand
महंगाई भत्ता देने में क्यों पीछे हटी सरकार
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विनोद कवि ने कहा, शासन ने वर्ष में दो बार महंगाई भत्ता बढ़ाने का निर्णय 11 जुलाई को लिया और अगले ही दिन उसे स्थगित कर दिया, जबकि ये निर्णय मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में हुए समझौते के तहत हुआ था। इसके बावजूद सरकार इससे पीछे क्यों हटी। उन्होंने मांग की कि तत्काल इसका आदेश जारी किया जाए।
