उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ धाम में एक मजदूर द्वारा मंदिर परिसर में जूते पहनकर घूमने और मूर्तियों के साथ छेड़छाड़ करने की घटना सामने आई है। यह हरकत वहां लगे CCTV कैमरों में रिकॉर्ड हो गई।

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घटना के वीडियो के वायरल होने के पश्चात् पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

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प्रिंट मीडिया,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर

जानिए पूरा मामला
मामले की जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया, आरोपी मजदूर गावर कंस्ट्रक्शन कंपनी में कार्यरत है, जो केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्य में लगी हुई है। वायरल वीडियो में मजदूर को भैरवनाथ मंदिर परिसर में जूते पहनकर घूमते एवं मंदिर की मूर्तियों के साथ डंडे का इस्तेमाल करते हुए छेड़छाड़ करते हुए देखा गया। यह घटना मंदिर परिसर में लगे CCTV कैमरों में कैद हो गई थी तथा बाद में यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। वीडियो के वायरल होने के बाद, केदारनाथ मंदिर के पुजारियों ने घटना पर नाराजगी व्यक्त की और पुलिस से तत्काल कार्रवाई की मांग की।

पुजारियों की शिकायत पर पुलिस ने तुरंत मामले की तहकीकात शुरू की। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि घटना का वीडियो पुराना है और आरोपी मजदूर का नाम सज्जन कुमार है। वह गावर कंस्ट्रक्शन कंपनी के जरिए केदारनाथ पुनर्निर्माण परियोजना से जुड़ा हुआ था। पुलिस ने आरोपी सज्जन कुमार, संबंधित ठेकेदार, और निर्माण कंपनी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 298 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) और धारा 331 (अनधिकृत प्रवेश) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है तथा जल्द ही उसे हिरासत में लिया जाएगा।

केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के बाद मंदिर क्षेत्र में प्रवेश पर सख्त प्रतिबंध है। यहां सिर्फ उन मजदूरों और अधिकारियों को जाने की अनुमति दी जाती है, जो पुनर्निर्माण कार्यों में लगे हुए हैं। इस घटना ने मंदिर के प्रबंधन और पुजारियों को चिंतित कर दिया है, क्योंकि इस प्रकार की हरकतें धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के साथ-साथ मंदिर की गरिमा को भी प्रभावित करती हैं।

वही घटना को लेकर मंदिर के पुजारियों और स्थानीय श्रद्धालुओं ने गहरा रोष व्यक्त किया है। पुजारियों का कहना है कि ऐसी हरकतें धार्मिक आस्थाओं का अपमान हैं तथा इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने पुनर्निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों और संबंधित कंपनियों पर निगरानी बढ़ाने की मांग की है।


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