इससे पहले श्रेयसी पेरिस ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल के साथ उनके पास कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदक हैं।


प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
जमूई की विधायक श्रेयसी सिंह राष्ट्रीय खेलों में रुद्रपुर में होने वाली ट्रैप शूटिंग स्पर्धा में हिस्सा लेंगी, इसके लिए वह उत्तराखंड पहुंच चुकी हैं। उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य राष्ट्रीय खेलों में बिहार को गोल्ड मेडल दिलाना है। 32 वर्षीय श्रेयसी बिहार के शाही घराने से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता स्व. दिग्विजय सिंह केंद्रीय मंत्री, जबकि मां पुतुल कुमारी सांसद रह चुकी हैं।
खेल और राजनीति उन्हें विरासत में मिली हैं। श्रेयसी ने ‘हिन्दुस्तान’ को बताया कि उनके पिता और दादा नेशनल राइफल एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके हैं। लिहाजा, बचपन से ही उन्हें शूटिंग खेलना और देखना अच्छा लगता था। श्रेयसी करीब 17 साल से शूटिंग कर रहीं हैं। उन्होंने बताया कि वह रुद्रपुर में आठ और नौ फरवरी को होने वाली ट्रैप शूटिंग में गोल्ड मेडल पर दांव लगाने के लिए उतरेंगी।
राजवर्धन बने जीवन में टर्निंग प्वाइंट
श्रेयसी ने बताया कि उनका बचपन से ही शूटिंग में रुझान तो था, लेकिन राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का एथेंस ओलंपिक में रजत पदक जीतना उनके जीवन में टर्निंग प्वाइंट बना। श्रेयसी ने इसके बाद ही शूटिंग पर पूरा फोकस किया और देश के लिए पदक जीतने का लक्ष्य बनाया।
टाइम मैनेजमेंट से राजनीति-खेल में सामंजस्य
खेल और राजनीति में सामंजस्य बनाना श्रेयसी के लिए चुनौती भी है। श्रेयसी ने बताया कि वह टाइम मैनेजमेंट से दोनों को मैनेज करती हैं। उनका रूटीन बहुत व्यस्त रहता है, कई महीनों तक वह छुट्टी भी नहीं ले पाती हैं। लेकिन वह खुश हैं कि वो खेल और राजनीति दोनों से देश सेवा कर रही हैं।
दृढ़ इच्छा शक्ति मजबूत तो रास्ता निकल ही जाएगा
श्रेयसी ने कहा कि प्रत्येक खेल में विल पावर जरूरी है। वह केवल महिलाओं की नहीं, बल्कि देश के हर खिलाड़ी को प्रेरित करना चाहती हैं। उनका कहना है कि यदि आप की दृढ़ इच्छा शक्ति मजबूत है, तो रास्ता निकल ही जाएगा। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी अपने-अपने क्षेत्र में मेहनत करते रहें।
कई बार आ चुकी हैं उत्तराखंड
श्रेयसी ने बताया कि वह भारतीय जनता युवा मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में रह चुकी हैं। इस कारण उन्हें कई बार उत्तराखंड आने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड अपने आप में अद्भुत राज्य है। यहां की परिवेश और यहां की संस्कृति उन्हें खींचती है।

