क्या यह वाकई उसी IIT से है, जहां दाखिला लेना हर किसी के लिए सपना जैसा होता है? इन सवालों का जवाब अभय सिंह ने बताया और साथ ही अपनी जिंदगी के उस दर्द को भी शेयर किया, जिससे हर मां-बाप को सीख मिल सकती है.


प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड
घर में झगड़े ने बदल दी जिंदगी की दिशा
इसे लेकर, अभय सिंह ने बताया कि उनके माता-पिता के लगातार झगड़ों के कारण वह मानसिक तनाव का शिकार हो गए थे. वह कहते हैं कि बचपन में घरेलू हिंसा का सामना किया. मां-बाप के झगड़े के कारण मैं मानसिक रूप से ट्रॉमा में था. अभय का कहना है कि बच्चों पर घरेलू हिंसा का बहुत गहरा असर पड़ता है, भले ही वे सीधे तौर पर हिंसा का शिकार ना हो.
मेरे दिन का संघर्ष: सोना और रात में पढ़ाई
आईआईटी की कठिन पढ़ाई को समझने के सवाल पर अभय ने अपने स्कूली दिनों को याद किया. वह कहते हैं कि मैं दिन में सोता था और रात 12 बजे उठकर पढ़ाई करता था. उनके अनुसार, घर के झगड़ों का असर उनकी पढ़ाई पर भी पड़ा. अभय कहते हैं कि तब एक बच्चे के तौर पर आपकी समझ नहीं होती कि कैसे प्रतिक्रिया दी जाए.
गर्लफ्रेंड से रिश्ता तोड़ने का फैसला
अभय ने बताया कि घर में झगड़ों के कारण उनका आत्मविश्वास और रिश्तों में विश्वास टूट गया था. वह कहते हैं कि मुझे ऐसा लगता था कि यदि रिश्तों में यही झगड़े होने हैं तो अकेले ही रहना बेहतर है. यही कारण था कि उन्होंने अपनी गर्लफ्रेंड से भी रिश्ता तोड़ लिया, क्योंकि वह नहीं समझ पा रहे थे कि इसे कैसे निभाया जाए. अभय ने कहा, “मैं पूरी तरह से फिलिंगलेस हो गया था.”

