



वहीं कुछ दारोगा ऐसे भी हैं, जिनकी संलिप्तता सामने आई है। ऐसे में इन दारोगाओं पर बर्खास्तगी की तलवार भी लटक सकती है। प्रकरण में 20 दारोगा जनवरी 2023 से निलंबित चल रहे हैं। जल्द ही शासन स्तर पर सतर्कता समिति की बैठक में इन दारोगाओं के खिलाफ मुकदमे या अन्य कार्रवाई पर फैसला किया जा सकता है।


साल 2022 में एसटीएफ ने शुरू की थी जांच
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की ओर से करवाई गई कई भर्तियों में नकल करने की घटना सामने आई थी। मई 2022 में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय परीक्षा धांधली की जांच शुरू की थी। इस जांच में कई आरोपितों और नकल माफिया को गिरफ्तार भी किया गया।
इस बीच पहले कुछ और भर्तियों में धांधली की बात सामने आई। विवेचना में पता चला कि 2015 में हुई दारोगा सीधी भर्ती परीक्षा में भी बड़े पैमाने पर धांधली हुई थी। यह परीक्षा पंत नगर विश्वविद्यालय ने आयोजित कराई थी। इस पर पुलिस मुख्यालय की संस्तुति के बाद इस मामले को विजिलेंस को सौंपा गया था।
8 आरोपियों पर दर्ज हुआ था मुकदमा
जांच के बाद विजिलेंस ने आठ अक्टूबर 2022 को नकल माफिया समेत कुल आठ आरोपितों के विरुद्ध हल्द्वानी सेक्टर में मुकदमा दर्ज किया था। तब से इस मामले की जांच चल रही थी। शक के आधार पर पुलिस मुख्यालय ने जनवरी 2023 में 20 दारोगाओं को निलंबित कर दिया था।
कई दारोगाओं पर गाज गिरना तय
इस पूरे मामले में दारोगाओं और उनके स्वजनों की संपत्तियों की जांच भी की गई। इसमें पता चला कि कुछ दारोगा ऐसे थे जिन्होंने अपने परिवार की संपत्तियों को गिरवी रखकर माफिया को रुपये दिए थे।
विजिलेंस को इनमें से कुछ दारोगाओं के खिलाफ ऐसे साक्ष्य मिल भी चुके हैं लेकिन, कुछ दारोगा ऐसे भी हैं जिनका इस मामले में संलिप्तता नहीं पाई गई। वह अपने स्तर से परीक्षा में पास हुए थे। अब विजिलेंस ने पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट शासन को भेज दी है।
