
यह निर्णय श्रद्धालुओं की जान-माल की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।


भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले 24 घंटों के दौरान उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, टिहरी और पिथौरागढ़ जैसे जिलों में अत्यधिक भारी बारिश की संभावना जताई है।
weather alert Uttarakhand: अगले 24 घंटे महत्वपूर्ण
इस पूर्वानुमान को देखते हुए प्रशासन ने चारधाम यात्रा मार्गों पर किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पहले से ही एहतियाती कदम उठाए हैं। गढ़वाल मंडल के आयुक्त श्री विनय शंकर पांडेय ने रविवार को इस निर्णय की जानकारी देते हुए स्पष्ट किया कि जब तक मौसम सामान्य नहीं होता, तब तक किसी भी यात्री को यात्रा शुरू करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
अधिकारियों ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे सरकारी सलाह और दिशा-निर्देशों का पालन करें और मौसम की स्थिति में सुधार होने तक पहाड़ी क्षेत्रों की यात्रा से बचना ही समझदारी होगी।
भूस्खलन के चलते मार्ग बाधित, यात्रियों की सुरक्षा बनी प्राथमिकता
गढ़वाल आयुक्त पांडेय के अनुसार, राज्य के विभिन्न हिस्सों में मूसलाधार बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं, जिससे कई स्थानों पर मार्गों पर मलबा जमा हो गया है और फिसलन भी हो रही है। इससे न केवल आवाजाही में रुकावट आ रही है, बल्कि यात्रियों की जान को भी खतरा हो सकता है। इसलिए, प्रशासन ने सभी संबंधित जिलों को हाई अलर्ट पर रखा है। राहत और बचाव दलों को तत्काल सक्रिय कर दिया गया है और संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया गया है ताकि आपात स्थिति में यात्रियों की सहायता की जा सके।
राहत और बचाव कार्यों के लिए चौकस व्यवस्था
प्रशासन ने जिलों के डीएम, पुलिस बल, आपदा प्रबंधन टीमें और एसडीआरएफ को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा संवेदनशील मार्गों पर 24×7 निगरानी की जा रही है ताकि जरूरत पड़ने पर तत्काल राहत कार्य शुरू किए जा सकें। वर्तमान में चारधाम यात्रा मार्गों – केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री – पर भारी मलबा, फिसलन और मार्ग बंद होने की स्थिति के चलते यात्रियों को यात्रा जारी रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
गढ़वाल आयुक्त ने बताया कि आगे की यात्रा को लेकर अगला निर्णय सोमवार को मौसम की स्थिति और मार्गों की समीक्षा के आधार पर लिया जाएगा। उन्होंने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया, “कृपया धैर्य रखें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। यह निर्णय आपकी सुरक्षा के हित में लिया गया है। मौसम के सामान्य होने के बाद यात्रा फिर से शुरू की जाएगी।”
श्रद्धालुओं को पहुंचाई जा रही सूचना, ठहरने की व्यवस्था भी सुनिश्चित
प्रशासन द्वारा यात्रा स्थगन की सूचना धर्मशालाओं, होटलों, बस अड्डों और सोशल मीडिया के माध्यम से श्रद्धालुओं तक पहुंचाई जा रही है। जो यात्री पहले से मार्ग में हैं या फंसे हुए हैं, उन्हें सुरक्षित स्थानों तक ले जाया गया है और उनके लिए रहने, भोजन और चिकित्सा की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। पर्यटन विभाग और स्थानीय प्रशासन यात्रियों को हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
गढ़वाल आयुक्त ने श्रद्धालुओं और पर्यटकों से विशेष रूप से अपील की है कि वे किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक सूचना स्रोतों से प्राप्त जानकारी को ही मानें। जब मौसम अनुकूल होगा, तब यात्रा को पुनः सुरक्षित ढंग से शुरू किया जाएगा।
चारधाम यात्रा और उत्तराखंड: हर साल लाखों श्रद्धालुओं का आस्था संगम
चारधाम यात्रा – केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री – उत्तराखंड की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान है, जो हर वर्ष लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है। लेकिन राज्य की भौगोलिक संवेदनशीलता को देखते हुए यहां प्राकृतिक आपदाओं की संभावना बनी रहती है। ऐसे में प्रशासन का यह निर्णय यात्रियों की सुरक्षा की दृष्टि से एक सार्थक और जिम्मेदार कदम माना जा रहा है।
चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं की भावना समझी जा सकती है, लेकिन वर्तमान स्थिति में प्रशासन द्वारा उठाया गया यह कदम उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत आवश्यक है। जब मौसम अनुकूल होगा और मार्ग सुरक्षित होंगे, तब यात्रा फिर से शुरू होगी। तब तक सभी से अनुरोध है कि वे प्रशासन का सहयोग करें और संयम बरतें।

