
स्पा सेंटर की आड़ में बढ़ता देह व्यापार: एक गंभीर सामाजिक समस्या


रुद्रपुर उत्तराखंड आजकल कई शहरों में स्पा और मसाज पार्लर की संख्या तेजी से बढ़ रही है। हालांकि, इनका उद्देश्य लोगों को आराम और स्वास्थ्य लाभ प्रदान करना है, लेकिन कई स्थानों पर ये देह व्यापार (Prostitution) के अड्डों में बदलते जा रहे हैं। यह न केवल कानूनी और नैतिक रूप से गलत है, बल्कि समाज पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है।
प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
कैसे बढ़ रहा है स्पा सेंटरों की आड़ में देह व्यापार?
1. गैर-कानूनी गतिविधियों की बढ़ती घटनाएं: कई स्पा सेंटरों में खुलेआम अवैध गतिविधियां चल रही हैं, जहां ग्राहकों को मसाज के नाम पर देह व्यापार की सेवाएं दी जाती हैं।
2. बड़े शहरों और पर्यटन स्थलों में तेजी से फैलाव: दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, देहरादून, हरिद्वार उधम सिंह नगर, रुद्रपुर ,हल्द्वानी, काशीपुर और अन्य बड़े शहरों में इस तरह की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं।
3. सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्रचार: ये सेंटर व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम और अन्य प्लेटफॉर्म पर गुप्त रूप से अपनी सेवाओं का विज्ञापन करते हैं।
4. पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत: कई बार स्थानीय प्रशासन और पुलिस की अनदेखी या मिलीभगत के कारण यह धंधा फल-फूल रहा है।
5. मानव तस्करी से जुड़ा मामला: कई लड़कियों को बहला-फुसलाकर या जबरदस्ती इस काम में धकेला जाता है, जिससे मानव तस्करी (Human Trafficking) भी बढ़ती है।
इस समस्या के सामाजिक और कानूनी दुष्प्रभाव
महिलाओं का शोषण और उनका मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है।
यह अपराध और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है।
युवाओं में गलत प्रवृत्तियों को जन्म देता है और नैतिकता को नुकसान पहुंचाता है।
इससे संक्रामक रोग (STD, HIV) फैलने का खतरा बढ़ता है।
स्पा सेंटर की आड़ में देह व्यापार रोकने के उपाय
1. कड़े कानून और सख्ती से लागू करना
सरकार को स्पा और मसाज सेंटरों के लाइसेंसिंग नियमों को कड़ा करना चाहिए।
पुलिस और प्रशासन को नियमित छापेमारी करनी चाहिए ताकि अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सके।
दोषियों को कड़ी सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान होना चाहिए।
2. तकनीकी निगरानी और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर नियंत्रण
ऑनलाइन और सोशल मीडिया पर इस तरह के प्रचार पर सख्त निगरानी रखनी चाहिए।
पुलिस को साइबर क्राइम सेल के जरिए ऐसे नेटवर्क का पता लगाकर कार्रवाई करनी चाहिए।
3. जागरूकता और सामाजिक सुधार
समाज में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए शिक्षा और जागरूकता अभियान चलाना जरूरी है।
स्पा और मसाज थेरेपी से जुड़े वैध और स्वच्छ बिजनेस को बढ़ावा देना चाहिए ताकि अनैतिक कार्य न हो।
4. पीड़ितों के लिए पुनर्वास योजना
जबरन इस धंधे में फंसाई गई लड़कियों और महिलाओं के लिए पुनर्वास केंद्र बनाए जाने चाहिए।
उन्हें रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं देकर समाज में पुनः स्थापित किया जाना चाहिए।
5. स्थानीय प्रशासन और नागरिकों की भूमिका
लोगों को सतर्क रहने और ऐसे अवैध धंधों की सूचना पुलिस को देने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
स्थानीय प्रशासन को भी सभी स्पा और मसाज सेंटरों की सख्ती से निगरानी रखनी चाहिए।
निष्कर्ष
स्पा सेंटरों की आड़ में देह व्यापार का बढ़ता नेटवर्क एक गंभीर समस्या है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह न केवल नैतिक और कानूनी अपराध है, बल्कि महिलाओं के शोषण और मानव तस्करी को भी बढ़ावा देता है। सरकार, प्रशासन और समाज को मिलकर सख्त कानून, जागरूकता और नैतिक मूल्यों के जरिए इस कुप्रथा को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। तभी हम एक सुरक्षित और सभ्य समाज की ओर बढ़ सकते हैं।
